अवैध प्लॉटिंग पर बोर्ड लगाएगा एमडीडीए, प्रॉपर्टी डीलरों पर लगेगी लगाम Dehradun News
अवैध प्लॉटिंग पर अंकुश लगाने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने अब ऐसे भूखंड पर बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण ने करीब पांच दर्जन बोर्ड के ऑर्डर भी जारी कर दिए।
देहरादून, जेएनएन। अवैध प्लॉटिंग पर अंकुश लगाने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अब ऐसे भूखंड पर बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण ने करीब पांच दर्जन बोर्ड के ऑर्डर भी जारी कर दिए हैं। इन बोर्ड पर साफ लिखा होगा कि इस भूखंड का ले-आउट पास नहीं है, लिहाजा घर बनाने के लिए यहां प्लॉट न खरीदें। इस कवायद से उन भूखंडों पर अवैध प्लॉटिंग पर लगाम लग पाएगी, जहां जमीन पर सड़क आदि बनाए बिना ही गुपचुप रजिस्ट्री कर दी जा रही हैं।
हर्रावाला व मियांवाला की सीमा पर बिना ले-आउट पास पास कराए और रेरा में भी पंजीकरण के बिना करीब 13 बीघा भूमि पर की जा रही प्लॉटिंग को लेकर जागरण ने प्रमुखता दे खबर प्रकाशित की थी। इस प्रकरण में पूर्व में एमडीडीए ने यह कहकर कार्रवाई को विराम दे दिया था कि जमीन पर कुछ भी काम नहीं हो रहा है, जबकि मौके पर 10 रजिस्ट्री कर ली गई थी।
खबर प्रकाशित होने के बाद रेरा व एमडीडीए ने इसका संज्ञान लेकर अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी। एमडीडीए सचिव जीसी गुणवंत ने बताया कि ऐसी प्लॉटिंग पर बोर्ड लगाकर लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी। दूसरी तरफ रेरा ने भू-स्वामियों को नोटिस भेजकर पेनाल्टी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी ने दिए कार्रवाई के निर्देश
हर्रावाला व मियांवाला क्षेत्र की अवैध प्लॉटिंग के मामले में रेरा ने अपने यहां केस दर्ज करने के साथ ही जिलाधिकारी को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। अब इसका संज्ञान लेकर जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि अवैध प्लॉटिंग वाले भूखंड की रजिस्ट्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रॉपर्टी डीलरों के नए पैंतरे पर लगेगी लगाम
सामान्य तौर पर प्रॉपर्टी डीलर प्लॉट बेचने के लिए धरातल पर सड़क का निर्माण कर देते हैं। ऐसे मामलों पर एमडीडीए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर देता है। इससे बचने के लिए दून में अब प्रॉपर्टी डीलर जमीन पर काम करने की जगह कागज पर ही नक्शा बनाकर प्लॉट बेच दे रहे हैं। हालांकि, अब बोर्ड लग जाने के बाद प्रॉपर्टी डीलरों की इस चाल पर भी लगाम लग पाएगी।
साडा बंद, एमडीडीए में अब दो सचिव
दूनघाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) का एमडीडीए में विलय होने के बाद बुधवार को साडा का कार्यालय विधिवत रूप से बंद कर दिया गया। इसके साथ ही गुरुवार से साडा का करीब 15 लोगों का स्टाफ एमडीडीए कार्यालय में ही बैठकर काम करेगा।
एमडीडीए के सचिव जीसी गुणवंत ने बताया कि साडा के विलय के बाद एमडीडीए में सचिव के दो पद स्वीकृत किए गए हैं। साडा के सचिव एसएल सेमवाल अब दूसरे एमडीडीए सचिव की भूमिका में होंगे। वह साडा क्षेत्र का काम देखेंगे। इसके अलावा उपजिलाधिकारी विकासनगर व डोईवाला के पास संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी रहेगी।
वहीं, अब तक साडा के सचिव की भूमिका में रहे एसएल सेमवाल ने बताया कि साडा का रिकॉर्ड अपडेट कर दिया गया है। हालांकि, उसे अभी एमडीडीए कार्यालय नहीं भिजवाया गया है। एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव के निर्देश के बाद तय किया जाएगा कि रिकॉर्ड को क्षेत्रीय कार्यालय में रखा जाएगा या फिर एमडीडीए में। फिलहाल, साडा क्षेत्र (एमडीडीए में मर्ज हो चुका) का काम एमडीडीए के नियमों के अनुरूप शुरू कर दिया जाएगा।
अब एमडीडीए में दाखिल करें नक्शे
अब तक साडा क्षेत्र का हिस्से रहे लोग भी अब एमडीडीए में ऑनलाइन नक्शे दाखिल करेंगे। कंपाउंडिंग मैप भी इसी तरह ऑनलाइन दाखिल किए जाएंगे।
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