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    Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में अब मंत्री खुद चुकाएंगे आयकर, जानिए अन्य फैसले

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 27 Nov 2019 09:17 PM (IST)

    अब उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री आयकर खुद चुकाएंगे। विधेयक को कैबिनेट बैटक में मंजूरी मिल गई है।

    Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में अब मंत्री खुद चुकाएंगे आयकर, जानिए अन्य फैसले

    देहरादून, जेएनएन। कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है। बैठक में फैसला लिया गया कि अब  उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री आयकर खुद चुकाएंगे। विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है, जिसके बाद अब  विधानसभा सत्र में इसपर मुहर लगेगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का बकाया अब 25 प्रतिशत ज्यादा लिया जाएगा। वहीं, सरकारी अधिकारियों को मिलने वाली सुविधा से भी 25 प्रतिशत बकाया लिया जाएगा। 

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    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। जहां, एक ओर सुगर चीनी मिल को एक प्रतिशत टैक्स माफी दी गई है, तो वहीं परेड ग्राउंड के पास नजूल भूमि पर तीन हजार वर्ग मीटर पर दून लाइब्रेरी बनाई जाएगी। 

    कैबिनेट ने मंत्रियों के आयकर भुगतान की व्यवस्था को खत्म करने के लिए मौजूदा विधेयक में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन विधेयक को चार दिसंबर से आरंभ हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। अविभाजित उत्तर प्रदेश में वर्ष 1981 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के समय सभी मंत्रियों का आयकर सरकार द्वारा चुकाए जाने की व्यवस्था आरंभ की गई थी। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से अब तक, यानी पिछले 38 वर्षो से यह व्यवस्था यथावत चल रही थी। 

    इस व्यवस्था की अप्रासंगिकता का मामला दैनिक जागरण ने गत 14 सितंबर के अंक में उठाया था। इसके बाद सरकार ने मंत्रियों का आयकर सरकार द्वारा भुगतान करने की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया। गत 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगा दी गई। इसके लिए कैबिनेट ने 'उत्तराखंड मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) संशोधन अध्यादेश' लाने का निर्णय लिया। 

    बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस अध्यादेश को प्रतिस्थानी विधेयक के रूप में चार दिसंबर से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र में लाने का निर्णय लिया गया। इससे अब स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों को अपना आयकर अपनी ही जेब से चुकाना पड़ेगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने पिछले वर्ष ही उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध (संशोधन) विधेयक पारित कर विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की।

    विधायकों के वेतन में तीन गुना व भत्तों में दो से छह गुना वृद्धि की गई। मंत्रियों के वेतन भत्तों में भी भारी बढ़ोतरी की गई। उनका वेतन 45 हजार से बढ़ाकर 90 हजार किया गया और मंत्री के रूप में मिलने वाले उनके अन्य भत्ते भी बढ़ाए गए। 

    अलग-अलग मदों में मिलने वाले भत्ते 42 हजार से बढ़ाकर 84 हजार, 36 हजार रुपये से बढ़ाकर 72 हजार और 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये किए गए। चिकित्सा व ऋण आदि की सुविधाएं विधायकों के समान ही हैं। मंत्री को कुल लगभग 4.40 लाख रुपये प्रति माह वेतन और भत्तों के रूप में मिल रहे हैं।

    कैबिनेट के कुछ अन्य फैसले 

    -कैलाश खेर का भुगतान करेगी सरकार, एक करोड़ 67 लाख का होगा भुगतान, केदारनाथ पर कैलाश खेर ने एपिसोड किया था तैयार। 

    -हाई स्पीड डीजल के लिए 20 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस, पहले एक साल के लिए मिलता था लाइसेंस। 

    -उत्तराखंड चार धाम श्राइन बोर्ड के सीईओ वरिष्ठ आइएएस अधिकारी और बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। 

    -2020 वेलनेस समिट का देहरादून में किया जाएगा आयोजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेलनेस समिट में करेंगे शिरकत, दो दिन तक चलेगी समिट, 25 करोड़ रुपये आएगा खर्च।  

    -बंद पड़ी गदरपुर और सितारगंज चीनी मिल में से एक मिल को किया जाएगा शुरू, सरकार भूमि का उपयोग कर दोनों मिलों का बकाया करेगी चुकता। 

    -उत्तराखंड मदरसा आधुनिकीकरण बोर्ड की नियमावली को मंजूरी। 

    -कम छात्रों संख्या वाले बंद किए गए स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने को मंजूरी, 301 बंद पड़े विद्यालयों में चलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र। 

    -आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में दो दिन छात्रों को 2 अंडे और 2 केले देने को मंजूरी। 

    -भवनहीन विद्यालयों को बैम्बो भवन बनाने को मिली हरी झंडी, 5000 से ज्यादा भवनहीन और जर्जर विद्यालयो बैम्बो भवन से बनेंगे।

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