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मां के दर्शन के बाद इस वृक्ष पर डोरी बांधने से होती भक्त की हर मनोकामना पूरी

हरिद्वार में मंसा देवी का मंदिर है। यहां मौजूद स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने की भी परंपरा भी चली आ रही है। कहते हैं कि इस वृक्ष पर डोरी बांधने से हर मनोकामना पूरी होती है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 08:58 PM (IST)
मां के दर्शन के बाद इस वृक्ष पर डोरी बांधने से होती भक्त की हर मनोकामना पूरी
मां के दर्शन के बाद इस वृक्ष पर डोरी बांधने से होती भक्त की हर मनोकामना पूरी

देहरादून, जेएनएन। धर्मनगरी हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी के पास शिवालिक पर्वतमाला की श्रृंखलाओं के मुख्य शिखर पर सनातन हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां मंसा देवी मंदिर स्थित है। मंसा देवी के दर्शन के साथ यहां मौजूद स्नेही वृक्ष पर डोरी बांधने की भी परंपरा भी चली आ रही है। मंदिर परिसर में स्थित यह वृक्ष वर्षों पुराना है। मान्यता है कि मां के दर्शन करने के बाद इस वृक्ष पर डोरी बांधने से मां भक्त की हर मनोकामना पूरी करती है।

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इतिहास 

मां मंसा देवी मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी आता है। इसमें मंसा देवी को दसवीं देवी माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार जब महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया तो देवताओं ने देवी का स्मरण किया। देवी ने प्रकट होकर महिषासुर राक्षस का वध कर दिया। इस पर देवताओं ने देवी की पूजा अर्चना की और देवी से कहा कि हे देवी जिस प्रकार आपने हमारी मंशा को पूरा किया, इसी प्रकार कलियुग में भी भक्तों की मंशा को पूरा कर उनकी विपत्ति को दूर करें। कहते हैं कि इस पर देवी ने हरिद्वार की शिवालिक मालाओं के मुख्य शिखर के पास ही विश्राम किया। इसी कारण से यहां मंसा देवी मंदिर की स्थापना हुई। मान्यता है कि इसी जगह पर मंसा देवी की मूर्ति भी प्रतिष्ठापित हुई। कालांतर में यहां मंदिर बनाया गया और मंदिर में आज भी मां मंसा देवी की मूर्ति विराजमान है।

कैसे पहुंचे मंदिर

मां मंसा देवी मंदिर हरिद्वार शहर से तीन किमी दूर शिवालिक पर्वत पर है। हरिद्वार ट्रेन, बस और सड़क मार्ग से आया जा सकता है। यहां आने वाले श्रद्धालु पैदल, बाइक व रोपवे से मंदिर पहुंच सकते हैं। हरिद्वार पहुंचने के लिए दिल्ली सहित आस-पास के सभी प्रमुख शहरों से बस सेवा भी उपलब्ध है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे की व्यवस्था है। मंदिर में पहुंचने के लिए दो पैदल मार्ग हैं, एक मार्ग सीढ़ियों वाला और दूसरा बिना सीढ़ी वाला मार्ग है।

महंत रविंद्रपुरी (अध्यक्ष मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट) का कहना है कि मां मंसा देवी सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करती है। यहां रोजाना दूर-दराज के यात्री व स्थानीय लोग मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में स्नेही वृक्ष पर डोरी बांधने से श्रद्धालुओं की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अपनी मनोकामना के निमित्त नवरात्रों में यहां आकर देवी के दर्शन और स्नेही वृक्ष पर डोरी बांधने का विशेष महत्व है।

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गणेश (शक्तिपीठ मंसा देवी मंदिर के पुजारी) का कहना है कि शक्तिपीठ मां मंसा देवी मंदिर हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों को आते हैं। यहां पर सच्चे मन से मां के दर्शन के बाद मंदिर प्रांगण में स्थापित स्नेही वृक्ष पर सूत्र बांधने से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां आकर मां के चरणों में शुक्रराना अदा करने के साथ वृक्ष से सूत्र खोलने नहीं भूलते। 

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