यहां गिरे थे देवी सती के बाल, आस्था है भक्तों की भरती है झोली
सिद्धपीठ मां कुंजापुरी देवी का मंदिर प्रसिद्ध सिद्धपीठों में एक है। मान्यता है कि यहां देवी सती के बाल (कुंज) गिरे थे जिस कारण इस स्थान का नाम कुंजापुरी पड़ा।
देहरादून, जेएनएन। सिद्धपीठ मां कुंजापुरी देवी का मंदिर ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नरेंद्रनगर के पास स्थित है। यह प्रसिद्ध सिद्धपीठों में एक है। सिद्धपीठ में हर वर्ष नवरात्रि पर कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले का आयोजन होता है। रविवार से मेला शुरू हो गया है। वर्ष 1974 से यह मेला आरंभ हुआ था। यहां से बंदर पूंछ, चौखंबा, नीलकंठ, सुरकंडा आदि विहंगम व धार्मिक स्थलों के दर्शन होते हैं।
कुंजापुरी मंदिर में वैसे तो हर दिन भक्त पूजा अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन नवरात्र के दिनों में यहां का विशेष महत्व है। यही कारण है कि नवरात्र के दिनों में यहां मेला भी लगता है।
यह है मान्यता
मान्यता है कि यहां देवी सती के बाल (कुंज) गिरे थे, जिस कारण इस स्थान का नाम कुंजापुरी पड़ा। स्कंध पुराण के केदारखंड के अनुसार पौराणिक काल में कनखल हरिद्वार में दक्ष प्रजापति ने विशाल यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें सभी देवताओं को आमंत्रित किया गया।
उसमें उन्होंने भगवान शंकर व अपनी पुत्री सती को दक्ष ने निमंत्रण नहीं दिया। जब सती को यज्ञ का पता चला तो वह उसमें शामिल होने कनखल चली गई। यज्ञ में शिव का अपमान देख सती ने यज्ञ कुंड में आहुति दे दी।
शिव को जब यह पता चला तो वह हरिद्वार पहुंचे और यहां से सती का शरीर लेकर कैलाश की ओर चल पड़े। सती का शव रास्ते में टूट कर जगह-जगह गिरता रहा। कुंजापुरी में सती के कुंज गिरे। इस कारण इसका नाम कुंजापुरी पड़ा।
इस तरह पहुंचें मंदिर
ऋषिकेश से बस या टैक्सी में 16 किलोमीटर की दूरी तय कर नरेंद्रनगर पहुंचा जा सकता है। यहां से फिर 11 किमी आगे हिंडोलाखाल तक बस सेवा है। यहां से मंदिर परिसर तक छोटे वाहनों से जाया जा सकता हैं। यहां शाम तक हर समय वाहन की सुविधा है। यहां से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश पड़ता है, जबकि हवाई सेवा जौलीग्रांट तक है।
हर संभव सुविधाएं उपलब्ध
मंदिर समिति के प्रबंधक जगमोहन भंडारी के अनुसार, प्रतिवर्ष नवरात्रि में नौ दिन का सिद्धपीठ कुंजापुरी पर्यटन व विकास मेले का आयोजन होता है, जहां दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। श्रद्धालुओं को भी हर संभव सुविधाएं प्रदान की जाती है।
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होती है मुराद पूरी
कुंजापुरी के पुजारी राजेंद्र सिंह भंडारी के मुताबिक, प्रत्येक नवरात्र में यहां पर भव्य आयोजन किया जाता है। पूरे साल बड़ी संख्या में दूर दराज से यहां पर श्रद्धालु आते हैं। मां कुंजापुरी से जो भी मन्नत मांगी जाए वह पूरी होती है, जो भी माता के दरबार में आता है मां उसकी झोली भर देती है।
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