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छात्रवृत्ति ऑनलाइन होते ही दो लाख छात्र गायब

राज्य सरकार की ओर से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को ऑनलाइन करते ही दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं गायब हो गए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 03:24 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 10:32 PM (IST)
छात्रवृत्ति ऑनलाइन होते ही दो लाख छात्र गायब
छात्रवृत्ति ऑनलाइन होते ही दो लाख छात्र गायब

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य सरकार की ओर से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को ऑनलाइन करते ही दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं गायब हो गए। अचानक से घटी छात्रों की संख्या से अल्पसंख्यक विभाग से लेकर शासन तक हैरान है। इस वर्ष तो छात्रवृत्ति के आवेदनों की संख्या 14 हजार भी नहीं पहुंच पाई। इस पर अल्पसंख्यक आयोग ने आवेदनों की घटती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक बार फिर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। वहीं, ऑफलाइन आवेदनों में फर्जीवाड़े का भी अंदेशा जताया है।

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दरअसल, राज्य सरकार की ओर से संचालित अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना को वर्ष 2015 में ऑनलाइन कर दिया गया था। इस छात्रवृत्ति के लिए वर्ष 2014-15 में दो लाख 21 हजार 800 आवेदन आए थे। लेकिन, व्यवस्था को ऑनलाइन करने के बाद आवेदन की संख्या दो लाख 21 हजार से घटकर मात्र 27 हजार रह गई। 

इस पर अल्पसंख्यक आयोग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए शिक्षा विभाग को जांच के आदेश दिए थे। अब वर्ष 2016-17 में आवेदनों की संख्या बढ़कर 42 हजार तो जरूर हुई, लेकिन यह आंकड़े भी आयोग व शासन को संतुष्ट नहीं कर पाए। हैरत की बात ये है कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक मात्र 13 हजार 953 आवेदन ही आए हैं। 

आयोग के सचिव जगदीश सिंह रावत का कहना है कि आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया को और सरल किया गया है। लेकिन, आयोग का मानना है कि छात्रों के आवेदन कराने में स्कूल लापरवाही बरत रहे हैं, जिस कारण छात्रों की संख्या लगातार घटती जा रही है। साथ ही इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि ऑफलाइन व्यवस्था के दौरान काफी संख्या में अपात्रों द्वारा छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किए जाते थे। 

शिक्षा विभाग के पास नहीं है जवाब

अल्पसंख्यक आयोग की ओर से इस संबंध में शिक्षा विभाग को पत्र भेजते हुए फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई थी, साथ ही मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। जिसके बाद अब आयोग की ओर से शिक्षा विभाग को दोबारा पत्र भेजा जा रहा है। 

इस वर्ष आवेदनों की संख्या

अल्मोड़ा-------------13

बागेश्वर-------------04

चमोली---------------01

देहरादून-------------5475

हरिद्वार-------------5215

नैनीताल-------------700

पौड़ी------------------17

पिथौरागढ़------------04

रुद्रप्रयाग-------------00

टिहरी-----------------14

यूएसनगर-------------2502 

उत्तरकाशी-------------03

कुल--------------------13953

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