पंजे पड़े कमजोर तो कालोनियों में आतंक मचाने लगा गुलदार
दून की कई कालोनियों में आतंक मचाने वाले गुलदार की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। उसके पंजे कमजोर पड़ गए थे और वह शिकार करने में अक्षम है। ऐसे में उसने कालोनियों में रुख किया।
देहरादून, [जेएनएन]: 23 दिन तक सहस्त्रधारा धारा रोड और आसपास के क्षेत्र में दहशत का पर्याय बने गुलदार को लेकर नई जानकारी सामने आई है। बुधवार को रायपुर रोड पर ढाई घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ में आए गुलदार को मालसी स्थित ज़ू में राजाजी टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था, ताकि गुलदार की स्थिति को लेकर सटीक जानकारी मिल सके। पशु चिकित्सक भी गुलदार के हालात को लेकर हर पहलू पर अध्ययन कर रहे थे और अब तक यह पता चल पाया है कि गुलदार के पंजे सामान्य के मुकाबले कमजोर हैं।
मसूरी की प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम के अनुसार गुलदार को किसी घने जंगल मे छोड़ा जाना था। लेकिन, राजाजी टाइगर रिजर्व की पशु चिकित्सक डॉ. अदिति के अनुसार पकड़ा गया गुलदार सामान्य नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके पंजे अन्य गुलदार की तरह मजबूत नहीं हैं। जबकि शिकार के लिए पंजे मजबूत होना बेहद जरूरी है।
लिहाजा यह भी माना जा रहा है कि यह गुलदार जंगल में शिकार करने में सक्षम नहीं हो पा रहा था। शायद इसी कारण आसान शिकार की तलाश में गुलदार ने आबादी का रुख किया था। अगर ऐसा है तो यह गुलदार जैसे मांसाहारी वन्यजीव प्राणी के लिए बेहद गंभीर बात है। क्योंकि इसी हालात में गुलदार को जंगल मे छोड़ा गया तो या तो वह शिकार न कर पाने की अवस्था मे भूखा मर भी सकता है। या फिर दोबारा आबादी में आकर लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी कारण वन विभाग ने अभी गुलदार को मालसी जू में ही रखने का निर्णय लिया है। ताकि गुलदार को लेकर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। प्रभागीय वनाधिकारी के अनुसार शनिवार तक गुलदार को ज़ू में ही रखने या जंगल मे छोड़ने पर निर्णय लिया जाएगा।
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