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घनी आबादी में गुलदार की दहाड़, ऐसे आया पकड़ में

रायपुर क्षेत्र में कालोनियों में गुलदार के आतंक से लोग भयभीत हैं। सुबह एक युवक को घायल करने के बाद गुलदार एक वैडिंग प्वाइंट में घुस गया। वन विभाग की टीम को भी वह चकमा दे गया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 10 Jan 2018 02:48 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2018 09:16 PM (IST)
घनी आबादी में गुलदार की दहाड़, ऐसे आया पकड़ में
घनी आबादी में गुलदार की दहाड़, ऐसे आया पकड़ में

देहरादून, [जेएनएन]: सहस्रधारा रोड और आसपास के घनी आबादी वाले क्षेत्र में 19 नवंबर से सक्रिय गुलदार आखिरकार 23वें दिन वन विभाग के फंदे में फंस ही गया। ट्रैंकुलाइजिंग गन के दो शॉट के बाद अर्धबेहोशी की हालत में गुलदार को डील के पास एक घर के आंगन से फंदे में कैद किया गया। फिलहाल गुलदार को मालसी स्थित जू के रेस्क्यू सेंटर में राजाजी टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।

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सहस्रधारा रोड स्थित केवल विहार और सरस्वती विहार में बीते दिनों गुलदार की सक्रियता के बाद बुधवार सुबह दोबारा गुलदार की सक्रियता सामने आई। वन विभाग को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कॉलोनी में एक युवक को गुलदार द्वारा घायल करने की सूचना आई। 

कॉल सेंटर में काम करने वाले सुमित कुमार नाम के युवक ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे जैसे ही कमरे से लगे बाथरूम की लाइट जलाई तो सामने गुलदार को देखकर उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। इससे पहले कि सुमित कुछ समझ पाता, गुलदार उसके हाथ पर पंजा मारकर भाग गया। 

गुलदार के हमले में घायल सुमित ने इसकी जानकारी मकान मालिक  को दी। मकान मालिक ने वन विभाग को फोन कर इस घटना से अवगत कराया और सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची, मगर गुलदार कहीं नजर नहीं आया। 

इसके बाद दोपहर 12 बजे के करीब वन विभाग को फिर सूचना मिली कि गुलदार रायपुर रोड पर डील के पास मित्तल वेडिंग प्वाइंट में घुसा है। वेडिंग प्वाइंट के सीसी फुटेज में भी नजर आया कि गुलदार भीतर घुसा है। करीब 12.30 बजे मसूरी वन प्रभाग की प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम के नेतृत्व में वन विभाग और पुलिस ने रेक्स्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 

ट्रैंकुलाइजिंग गन के साथ राजाजी टाइगर रिजर्व की पशु चिकित्सक डॉ. अदिति भी मित्तल वेडिंग प्वाइंट पहुंचीं। वन विभाग की टीम को वेडिंग प्वाइंट के भीतर प्रवेश करते ही किचन के पास गुलदार दिख गया। गुलदार को देखते ही डॉ. अदिति ने गन से एक शॉट मारा तो गुलदार निशाना लगने के बाद भी आसपास के घरों की तरफ भागने में सफल हो गया। 

इस दौरान टीम ने जाल भी निकाल लिया। आसपास के कुछ घरों को छोड़कर गुलदार फिर एक घर के आंगन में दिखा तो टीम ने उस पर जाल फेंका, लेकिन गुलदार इसमें फंसने के बाद दोबारा बाहर निकलने में सफल हो गया।हालांकि, ट्रैंकुलाइजिंग गन की दवा तब तक असर दिखाने लगी और गुलदार की चाल लडख़ड़ाने लगी थी। बावजूद इसके गुलदार ने इसी अवस्था में इधर-उधर दौड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद डॉ. अदिति ने एक बार और निशाना साधा और इस शॉट के बाद गुलदार अर्धबेहोशी की हालत में निढाल हो चुका था। करीब तीन बजे वन विभाग की टीम ने जाल डालकर गुलदार को काबू कर लिया।

24 घंटे निगरानी में रहेगा गुलदार

मसूरी वन प्रभाग की प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम ने बताया कि गुलदार की स्थिति सामान्य है और उसे अभी करीब 24 घंटे पशु चिकित्सकों की निगरानी में ही जू में रखा जाएगा। इसके बाद गुलदार को किसी घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

गुलदार देखने को जुटी रही भीड़


गुलदार के मित्तल वेडिंग प्वाइंट में घुसने और फिर उसके आसपास के घरों में कूदफांद करने की सूचना पर रायपुर रोड पर लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। इस दौरान रायपुर रोड पर भारी जाम भी लगा रहा। कुछ लोगों ने गुलदार को देखने के लिए वेडिंग प्वाइंट में भी घुसने का प्रयास किया, लेकिन वन विभाग व पुलिस की टीम ने किसी तरह लोगों को रोके रखा। 

रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक नजर

-12.30 बजे वन विभाग की टीम मित्तल वेडिंग प्वाइंट पहुंची।

- 01 बजे गुलदार की मौजूदगी के सीसीटीवी फुटेज खंगाले का काम शुरू।

- 1.30 पर वेडिंग प्वाइंट के भीतर तलाश शुरू।

- 02 बजे गुलदार पर ट्रैंकुलाइजिंग गन से पहला शॉट मारा गया।

- 03.01 पर गुलदार पर जाल डाला गया और गुलदार इससे बच निकला।

- 03.02 पर गुलदार पर दूसरा शॉट मारा गया।

- 03.04 पर गुलदार को पकड़ लिया गया।

चार-पांच साल का है नर गुलदार

वन विभाग के मुताबिक पकड़ा गया गुलदार नर है और उसकी आयु करीब चार-पांच साल आंकी जा रही है। प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां ने दावा किया कि यह वही गुलदार है, जो इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय ïथा। फोटो और विडियो फुटेज से भी गुलदार को आसानी से पहचाना जा सकता है।

सामान्य नहीं आबादी में सक्रियता

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिस तरह गुलदार लंबे समय से एक ही क्षेत्र में सक्रिय था, यह सामान्य बात नहीं। मालसी जू में राजाजी टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक इस बात का पता लगाने का प्रयास भी करेंगे कि किन कारणों से गुलदार एक ही आबादी क्षेत्र में सक्रिय था।

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