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विधायक उमेश शर्मा काऊ बोले, मैं तो भाजपा का संकटमोचक

Uttarakhand Assembly Election 2022 रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के बयान से पार्टी में फिर हलचल मची है। मीडिया से बातचीत में अपने दिल्ली दौरे पर स्थिति साफ करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान जानता है कि वह कहां और क्यों गए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:22 PM (IST)
विधायक उमेश शर्मा काऊ बोले, मैं तो भाजपा का संकटमोचक
जानिए ऐसा क्या कहा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने जो उत्तराखंड भाजपा में फिर मच गई हलचल। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022  कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के दौरान भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ की उपस्थिति से जुड़े घटनाक्रम ने अब दिलचस्प मोड़ ले लिया है। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ, जो आर्य के साथ नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे, लेकिन एन वक्त पर वहां से चुपचाप निकल गए, ने दावा किया कि वह भाजपा के लिए संकटमोचक की भूमिका निभा रहे थे। काऊ ने कहा कि वह पार्टी छोडऩे वाले नेताओं को ऐसा करने से रोकना चाहते थे।

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यशपाल आर्य अपने विधायक पुत्र संजीव के साथ तीन दिन पहले सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए। उस समय यह चर्चा थी कि भाजपा के देहरादून के रायपुर क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ भी आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी करने जा रहे थे। काऊ उन नौ विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 18 मार्च 2016 को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। यशपाल आर्य इसके लगभग आठ महीने बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए थे।

सूत्रों के मुताबिक यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य रविवार देर रात हल्द्वानी से दिल्ली पहुंचे थे। विधायक उमेश शर्मा काऊ सोमवार सुबह देहरादून से दिल्ली पहुंचे। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि काऊ ने दिल्ली में यशपाल आर्य व संजीव आर्य के साथ राहुल गांधी से भी मुलाकात की और इसके बाद ही तीनों कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। इसी बीच काऊ वहां से निकल गए। सोमवार सुबह 11 बजे इनकी पार्टी में वापसी का कार्यक्रम तय था, लेकिन काऊ वापस लौटे ही नहीं। इसके कुछ देर बाद ही विधायक काऊ की भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के साथ तस्वीर तेजी से इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा को रविवार रात्रि कुछ नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की भनक लग गई थी। इसके बाद अनिल बलूनी सक्रिय हुए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को पार्टी नेतृत्व ने तुरंत दिल्ली बुलाया। इसके बाद फोन कर काऊ को कांग्रेस मुख्यालय से सांसद बलूनी के आवास पर बुलाया गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि उन्हें यशपाल आर्य के स्थान पर मंत्री बनाए जाने का भरोसा दिया गया। इसके बाद विधायक काऊ मंगलवार को देहरादून पहुंचे। देर शाम उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आवास पर मुलाकात की।

बुधवार को देहरादून में मीडिया से बातचीत में विधायक काऊ ने अपने दिल्ली दौरे पर सफाई देते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान जानता है कि वह कहां और क्यों गए थे। काऊ ने कहा कि उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे थे, इसलिए उनकी कोशिश थी कि वह इनकी राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करा दें। विधायक काऊ ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। वह अपनी बात को पार्टी हाईकमान के समक्ष ही रखते हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के जो भी निर्देश होंगे, वह उसी के अनुरूप कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विरोधी उनके खिलाफ जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। साथ ही दोहराया कि वह न तो दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय गए और न कांग्रेस के किसी नेता से उनकी बातचीत हुई।

उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी विधायक काऊ को क्लीन चिट दी। उन्होंने कहा कि पार्टी को जानकारी थी कि विधायक कहां थे और कहां गए थे। पार्टी ने ही उन्हें काम दिया था और विधायक ने उसे अंजाम देने की कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिल पाई।

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