Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानें कोरोनाकाल में क्या है डॉक्टर की सलाह, वर्तमान में दिनचर्या का कैसे है खासा महत्व; समझिए

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 09 Sep 2020 07:06 PM (IST)

    Coronavirus दिनचर्या और ऋतुचर्या अच्छे स्वास्थ्य की एक नियमित आवश्यकता है। अनियमित दिनचर्या कई रोगों का कारण है।

    जानें कोरोनाकाल में क्या है डॉक्टर की सलाह, वर्तमान में दिनचर्या का कैसे है खासा महत्व; समझिए

    देहरादून, जेएनएन। आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या और ऋतुचर्या अच्छे स्वास्थ्य की एक नियमित आवश्यकता है। अनियमित दिनचर्या कई रोगों का कारण है। आहार और विहार और अनियमित दिनचर्या के कारण ही रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। व्यक्ति विभिन्न तरह के संक्रमणों से ग्रसित होता है। जैसा कि इस महामारी के काल में हम सबने देखा कि वह लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, जो किसी न किसी तरह से दिनचर्या और ऋतुचर्या या आहार-विहार से  संबंधित बीमारी जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप रोग से पीड़ित हैं। ये कहना है एमडी आयुर्वेद डॉ. नवीन चंद्र जोशी का। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जोशी कहते हैं कि अगर हम अपनी दिनचर्या को नियमित और संतुलित रखते हैं तो निश्चित है कि हम इस तरह के संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं। दिनचर्या के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भोजन और आपके द्वारा किया जाने वाला विहार यह दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। भोजन में पर्याप्त मात्रा में मसालों का प्रयोग और सुबह और रात तक एक सधी हुई नियंत्रित और अनुशासित दिनचर्या हमें स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। 

    अब ऋतुसंधि का काल है। इस वक्त हमें अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आयुर्वेद में इन 14 दिनों को बहुत कठिन बताया गया है। स्वच्छता का पालन भी दिनचर्या का अभिन्न अंग है। अगर हम अपने आचार विचार और व्यवहार में शुद्धता नहीं रखते हैं तो हम अनावश्यक रूप से तनाव को बुलावा देते हैं। तनाव भी कहीं न कहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। 

    यह भी पढ़ें: खेत में हल चला सोशल मीडिया पर छाए बाबा रामदेव, किसी ने किया ट्रोल तो कोई सपोर्ट में आया नजर

    इस तरह निम्न रोग प्रतिरोधक क्षमता वातावरण में उपस्थित कई वायरस को आपके शरीर में प्रवेश को निमंत्रण देती है और उन्हें फलने-फूलने का पर्याप्त मौका देती है। बेहतर है कि हम एक सधी हुई दिनचर्या को अपनाएं और संक्रमण से भयमुक्त होकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हुए एक सादा और सुखी जीवन व्यतीत करें।

    यह भी पढ़ें: योगगुरु बाबा रामदेव बोले, जीवन को संवारने के लिए अपनाएं योग मार्ग