जजरेड़ पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन का नहीं हुआ समाधान, पढ़िए पूरी खबर
कालसी चकराता राजमार्ग के डामरीकरण के लिए साठ करोड़ रुपये की लागत से कराए जा रहे कार्य के बाद भी जजरेड़ पहाड़ी से नासूर की तरह रिसते भूस्खलन का स्थाई हल नहीं निकल पाया है।
देहरादून, जेएनएन। जौनसार की लाइफ लाइन कहलाने वाले कालसी चकराता राजमार्ग के डामरीकरण के लिए साठ करोड़ रुपये की लागत से कराए जा रहे कार्य के बाद भी जजरेड़ पहाड़ी से नासूर की तरह रिसते भूस्खलन की समस्या का स्थाई हल नहीं निकल पाया है। जिस कारण हर बार बरसात में भूस्खलन के कारण मार्ग कई दिनों तक बंद रहता है। इसके कारण जौनसार के लोगों की दिक्कतें बढ़ जाती है। किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं पहुंचा पाते हैं। लोनिवि द्वारा भूस्खलन की समस्या का स्थाई हल न निकालने से स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
कालसी-चकराता मार्ग पर साठ करोड़ की लागत से सुधारीकरण व डामरीकरण कार्य चल रहा है। 42 किलो मीटर लंबे मार्ग के चौड़ीकरण डामरीकरण का कार्य समय अवधि निकलने के बाद भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। साहिया में पुल का निर्माण व सड़क चौड़ीकरण का काम तक शुरू ही नहीं कराया गया है, जबकि नए पुल निर्माण के दौरान जद में आने वाली डेढ़ दर्जन दुकानों आदि को लोग तोड़ चुके हैं। दुकानें तोड़ने से लोगों को व्यवसाय को भी नुकसान पहुंचा है।
इसके बाद भी लोनिवि ने अभी तक पुल निर्माण कार्य ही शुरू नहीं कराया। मार्ग पर सबसे ज्यादा परेशानी जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन की है, स्थानीय लोगों ने लोनिवि से बरसात से पहले भूस्खलन का स्थायी हल निकालने की मांग की है। ताकि बरसात में सफर सुगम हो सके। उधर लोनिवि साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह के अनुसार चुनाव बाद इसके बारे में सोचा जाएगा।
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