अब बिना हालमार्क के आभूषणों की भी होगी शुद्धता की जांच, भारतीय मानक ब्यूरो ने किया इसका समाधान
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के निदेशक सुधीर बिश्नोई के मुताबिक ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेशभर में एसेइंग एवं हालमार्किंग केंद्र (एएचसी) स्थापित किए गए हैं। सभी केंद्र बीआइएस से मान्यता प्राप्त हैं। बिना हालमार्किंग वाले चार आभूषणों की शुद्धता की जांच 200 रुपये में करा सकता है।
सुमन सेमवाल, देहरादून: यदि सोने की शुद्धता की गारंटी चाहिए तो हालमार्किंग वाले आभूषणों से बेहतर कोई विकल्प नहीं। फिर भी अभी हालमार्किंग की अनिवार्यता होने में समय लगेगा और तब तक आभूषण की भी खरीद होती रहेगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि सुनार की बिना हालमार्किंग की दुकानें जगह-जगह होने के चलते उनसे खरीदे गए आभूषणों की शुद्धता की परख बड़ा सवाल हो जाता है।
भारतीय मानक ब्यूरो ने इसका समाधान दे दिया है और अब बिना हालमार्किंग के आभूषणों की शुद्धता की जांच महज 200 रुपये में कराई जा सकती है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के निदेशक सुधीर बिश्नोई के मुताबिक ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेशभर में एसेइंग एवं हालमार्किंग केंद्र (एएचसी) स्थापित किए गए हैं। ये सभी केंद्र बीआइएस से मान्यता प्राप्त हैं। कोई भी व्यक्ति बिना हालमार्किंग वाले चार आभूषणों की शुद्धता की जांच 200 रुपये में करा सकता है। पांच या इससे अधिक आभूषण होने पर प्रति आभूषण 45 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। एएचसी केंद्रों की सूची वेबसाइट www.bis.gov.in से भी प्राप्त की जा सकती है।
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पहले चरण में तीन जिलों में हालमार्किंग होगी अनिवार्य
बीआइएस निदेशक बिश्नोई के मुताबिक, पहले चरण में देश के 256 जिलों में अनिवार्य हालमार्किंग लागू कर दी गई है। जिसमें प्रतिदिन तीन लाख से अधिक सोने की वस्तुओं पर हालमार्क लगाया जा रहा है। अब योजना का दूसरा चरण लागू हो गया है और इसमें उत्तराखंड के देहरादून, पिथौरागढ़ व पौड़ी जिले को शामिल किया गया है। लिहाजा, यहां भी हालमार्किंग होने जा रही है। बाकी जिले भी जल्द इसके दायरे में आ जाएंगे।