EC ने उत्तराखंड के इन छह राजनीतिक दलों को थमाया नोटिस, नहीं पूरी करते जरूरी शर्तें
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में छह साल से निष्क्रिय अमान्यता प्राप्त दलों को नोटिस जारी किया है। इन दलों ने 2019 के बाद किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया और उनके कार्यालयों का कोई पता नहीं है। आयोग ने इन दलों को 21 जुलाई तक जवाब देने को कहा है। यह कदम राजनीतिक व्यवस्था को शुद्ध करने और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने छह साल से निष्क्रिय पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों को नोटिस जारी किया है। इन दलों ने वर्ष 2019 के बाद किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। यहां तक कि उनके कार्यालयों को कोई भौतिक पता भी नहीं मिल पाया है। आयोग ने इन दलों को 21 जुलाई शाम पांच बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।
उत्तराखंड में इस समय 42 अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल पंजीकृत हैं। इनमें से कई दल ऐसे हैं जो अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। आयोग ने ऐसे छह दलों की पहचान की है। इन दलों को सूची से बाहर करने अथवा न करने का निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।
इन दलों में भारतीय जनक्रांति पार्टी, हमारा जनमंच पार्टी, मैदानी क्रांति दल, प्रजा मंडल पार्टी, राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी और राष्ट्रीय जन सहाय दल शामिल हैं। इनमें चार दलों का मुख्यालय देहरादून, एक दल का मुख्यालय श्रीनगर पौड़ी और एक दल का मुख्यालय हरिद्वार में है।
देश में राजनीतिक दलों का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 ए के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग का उद्देश्य इस पूरे अभ्यास में राजनीति व्यवस्था का शुद्धिकरण एवं चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
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