विदेशियों को भा रही तीर्थनगरी की आबोहवा, गंगा तट गुलजार
तीर्थनगरी ऋषिकेश की आबोहवा और वातावरण विदेशियों को खासा रास आता है। यही वजह है कि गर्मियों के दिनों में तीर्थनगरी विदेशी पर्यटकों से पैक रहती है।
ऋषिकेश, जेएनएन। तीर्थनगरी ऋषिकेश यूं तो पूरे साल देशी-विदेशी मेहमानों से गुलजार रहती है। यहां की आबोहवा और वातावरण विदेशियों को खासा रास आता है। यही वजह है कि गर्मियों के दिनों में तीर्थनगरी विदेशी पर्यटकों से पैक रहती है। यहां गंगा के तटों, प्राकृतिक जल स्त्रोतों और धार्मिक स्थलों पर खासी संख्या में विदेशियों की आमद बनी रहती है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में मार्च माह में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के लिए सबसे अधिक विदेशी मेहमान पहुंचते हैं। मगर, योग महोत्सव के बाद भी विदेशी मेहमान यहां विभिन्न संस्थाओं में संचालित होने वाले योग कक्षाओं में शामिल होने के लिए जमे रहते हैं। मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी की वजह से भी विदेशी मेहमान गर्मियों के दिनों में तीर्थनगरी को अपना ठिकाना बनाते हैं। तीर्थनगरी के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में सर्वाधिक संख्या में विदेशी मेहमान रहते हैं।
यहां बड़ी संख्या में योग केंद्र और होटल हैं। कई होटल और गेस्ट हाउस तो ऐसे हैं, जहां विदेशी मेहमान कई-कई महीनों के लिए अपने कमरे बुक कर देते हैं। यही स्थिति मुनिकीरेती के तपोवन क्षेत्र की भी रहती है। विदेशी मेहमानों से यहां सबसे अधिक पसंद गंगा का तट आता है। यहां स्वछंद घूमने के साथ विदेशियों के लिए योग और ध्यान लगाने के लिए गंगा के तट सबसे उपयुक्त हैं।
विदेशी मेहमान यहां गंगा तटों पर ध्यान और योग की मुद्राओं में नजर आते हैं। यूक्रेन निवासी लीना कैवे का कहना है कि वह तीन माह का योग प्रशिक्षण लेने यहां आई है। उन्होंने बताया कि घूमने-फिरने के लिए ऋषिकेश बेहद शांत और सुरक्षित है। उन्हें गंगा का तट सबसे अच्छा लगता है।
कहां कितने विदेशी
लक्ष्मणझूला क्षेत्र- 330
मुनिकीरेती क्षेत्र- 250
ऋषिकेश क्षेत्र- 160
स्त्रोत: पुलिस और स्थानीय अभिसूचना
विदेशियों ने ऋषिकेश के लिए गाया गीत
वास्तव में ऋषिकेश को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने में पश्चिम के मशहूर बैंड बीटल्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भावातीत ध्यान योग के प्रेणता महर्षि महेश योगी के शिष्य बीटल्स बैंड के चार सदस्य सन 1968 में ऋषिकेश आए थे। बीटल्स ग्रुप के यह चार सदस्य करीब छह माह तक ऋषिकेश में रहे थे। उस वक्त पश्चिमी देश बीटल्स के धुनों के दीवाने थे। बीटल्स ने यहां रहते हुए कई यादगार गीत भी रचे।
बीटल्स ने ऋषिकेश और देहरादून की खूबसूरती को भी अपने गीतों में उतारा था। यही वह दौर था, जिसके बाद विदेशी पर्यटकों का तीर्थनगरी आने का क्रम तेजी से शुरू हुआ। वर्तमान में ऋषिकेश पर कुछ विदेशियों ने भी एक शानदार गीत गया है। इस गीत में बीटल्स को याद करने के साथ ऋषिकेश में गंगा, राफ्टिंग के रोमांच और बंजी जंपिंग जैसी गतिविधियों को बखूबी स्थान दिया गया है। ऋषिकेश ओ ऋषिकेश, योर द प्लेस दैट आई लव बेस्ट, बाई द रिवर ऑल डे लॉग, मदर गंगा सिंग योर सॉन्ग.. से शुरू हो रहे इस गीत में विदेशी पर्यटक नादिया, अनीषा, जीवन, सुभुति, पूजन, सारा, बीची, पवित्रा, जहीरा, मनीष और कमल आदि ने गीत, म्यूजिक और फोटो का संयोजन किया है। सोशल मीडिया पर यह गीत खासा पसंद भी किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: Chardham Yatra: एक लाख पार कर गया यात्रियों का आंकड़ा
यह भी पढ़ें: चारधाम यात्रा में जीएमवीएन ने दस दिन में की इतनी कमाई, जानिए
यह भी पढ़ें: हिंदुओं की आस्था का केंद्र पवित्र कैलास बनेगा विश्व धरोहर, यूनेस्को की मंजूरी
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप