IMA Passing Out Parade: भारतीय सेना का हिस्सा बने 325 जांबाज, अंतिम पग भरते ही हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा; तस्वीरें
IMA Passing Out Parade भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही आज 325 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 70 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। उप सेना प्रमुख ले जनरल एसके सैनी ने परेड की सलामी ली।
जागरण संवाददाता, देहरादून। IMA Passing Out Parade 'भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम' की धुन पर कदमताल करते हुए जेंटलमैन कैडेट्स ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे प्रत्येक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड के बाद अंतिम पग भरते ही 325 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 70 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। रिव्यूइंग अफसर उप सेना प्रमुख ले. जनरल एसके सैनी ने परेड की सलामी ली।
रिमझिम बारिश और सर्द हवाओं के बीच जांबाजों का जोश ऐसा था कि मानो मौसम ने भी हार मान ली। शनिवार सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड शुरू हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर अभिनव कुटलेरिया, सोनू शर्मा, नागवेंद्र सिंह रंधावा, अक्षत कौशल, नदीम अहमद वानी और रोहित शर्मा ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। आठ बजकर 50 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार कदम बढ़ाते हुए परेड के लिए पहुंचे। शानदार मार्च पास्ट के बाद युवा सैन्य अधिकारी जब अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकॉप्टर उन पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।
इससे पहले कैडेट्स को संबोधित करते हुए उप सेना प्रमुख ने कहा कि युवा अधिकारी खुद को आंतरिक और बाहरी खतरों के लिए तैयार रखें। कहा कि खुद को प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव के अनुरूप अपडेट भी रखना होगा। युद्ध कौशल और प्रौद्योगिकी में प्रगति साथ-साथ चलनी चाहिए। नव सैन्य अफसरों को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल हथियारों से पूरी तरह से लैस हों, लेकिन याद रखें कि बंदूक के पीछे खड़े व्यक्ति का सबसे अधिक महत्व होता है। उन्होंने पेशे में चरित्र के महत्व को भी रेखांकित किया। कहा कि एक बार सैनिकों का कमजोर चरित्र उजागर हुआ तो उसे ठीक करने का दूसरा मौका नहीं है।
उप सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस और अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। लुधियाना (पंजाब) के वतनदीप सिद्धू को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया, जबकि आंध्र प्रदेश के मज्जी गिरिधर को स्वर्ण, भिवानी (हरियाणा) के निदेश सिंह यादव को रजत व देहरादून (उत्तराखंड) के शिखर थापा को कांस्य पदक मिला। भटिंडा (पंजाब) के जसमिंदर पाल सिंह ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। भूटान के तंदिन दोरजी सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर कैसीनो कंपनी को मिला। इस दौरान आइएमए कमांडेंट ले जनरल हरिंदर सिंह, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल जगजीत सिंह मंगत समेत कई सैन्य अधिकारी मौजूद थे।
शारीरिक दूरी का किया पालन
कोरोना के मद्देनजर पासिंग आउट परेड में हर स्तर पर एहतियात बरती गई। न केवल दर्शक दीर्घा बल्कि परेड के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया गया। आम तौर पर प्रत्येक मार्चिंग दस्ते में एक लाइन में दस कैडेट होते हैं, लेकिन इनकी संख्या आठ रखी गई। कैडेट के बीच आधे मीटर की दूरी को बढ़ाकर दो मीटर किया गया। समारोह में कैडेट्स के साथ सैन्य अधिकारी भी मास्क लगाए रहे।