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    गंगा किनारे खुले में शौच से कैसे मिलेगी मुक्ति, शौचालय पर अवैध रूप से कर दिया कब्जा

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:43 PM (IST)

    गंगा (भागीरथी) किनारे के पहले नगर बाड़ाहाट में गंगा स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त की असल तस्वीर किसी से छिपी नहीं है। मामला पालिका क्षेत्र के लक्षेश्वर के निकट बने सार्वजनिक शौचालय का है। जिस ठेकेदार ने शौचालय बनाया उसी ने शौचालय पर अवैध रूप से कब्जा कर दिया।

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    लक्षेश्वर के निकट बने सार्वजनिक शौचालय जिस ठेकेदार ने बनाया उसी ने अवैध रूप से कब्जा कर दिया है।

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगा (भागीरथी) किनारे के पहले नगर बाड़ाहाट में गंगा स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त की असल तस्वीर किसी से छिपी नहीं है। एक मामला पालिका क्षेत्र के लक्षेश्वर के निकट बने सार्वजनिक शौचालय का है। जिस ठेकेदार ने शौचालय बनाया उसी ने शौचालय पर अवैध रूप से कब्जा कर दिया है। यही नहीं ठेकेदार ने आसपास की सरकारी भूमि पर भी अवैध कब्जा कर दिया है। शौचालय पर अवैध कब्जा होने के कारण आसपास के श्रमिक, खच्चर संचालक, राहगीर खुले में गंगा किनारे शौच कर रहे हैं। जिससे गंगा भी दूषित हो रही है।

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    नगर पालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सार्वजनिक शौचालय और सरकारी भूमि पर कब्जा कराने में एक स्थानीय भाजपा नेता के साथ पालिका के एक जिम्मेदार प्रतिनिधि का भी संरक्षण बताया जा रहा है।

    दरअसल पिछले नगर पालिका बोर्ड के कार्यालय में लक्षेश्वर भीम गुफा के निकट नगर पालिका ने एक सार्वजनिक शौचालय का प्रस्ताव रखा। जिससे लक्षेश्वर क्षेत्र में गंगा किनारे शौच जाने वाले श्रमिकों, खच्चर संचालकों व अन्य व्यक्तियों को सुविधा मिल सके। साथ ही गंगा भी स्वच्छ रह सके।

    वर्ष 2018 में शौचालय के निर्माण हुआ। दो लाख रुपये का भी पालिका ने ठेकेदार को भुगतान किया। लेकिन, सार्वजनिक शौचालय को ठेकेदार ने निजी बना दिया तथा शौचालय के आगे से दीवार भी खड़ी कर दी। इस मामले में भीम गुफा के स्वामी अनन्त सन्तोषानन्द ने सार्वजनिक शौचालय को सुचारू करने, इसे आम व्यक्तियों के लिए खोलने मांग नगर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल, उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। लेकिन, इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्वामी अनन्त सन्तोषानंद ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय पर अवैध कब्जा होने के कारण लक्षेश्वर क्षेत्र के अधिकांश श्रमिक और खच्चर संचालक नदी किनारे खुले में शौच कर रहे हैं। जो स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे जैसे कार्यक्रमों को भी पलीता लगा रहे हैं।

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    उन्होंने शौचालय और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के मामले में जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की है। वहीं नगर पालिका वार्ड सदस्य देवेंद्र चौहान ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को दीवार तोड़ने और सार्वजनिक शौचालय का बोर्ड लगाने के लिए भी कहा गया है।नगर पालिका बाड़ाहाट की पालिकाध्‍यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि लक्षेश्वर के पास पिछले कार्यकाल में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण करवाया गया था। यह नगर पालिका की संपति है। ठेकेदार के द्वारा सार्वजनिक शौचालय और सरकारी जमीन पर कब्जा करने व शौचालय के आगे दीवार लगाने की भी जानकारी मिली है। इस मामले में प्रशासन का सहयोग लेकर पालिका कार्रवाई करेगी।

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