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Badrinath Yatra: शंकराचार्य की गद्दी यात्रा उद्धवजी और कुबरेजी के साथ पहुंची पांडुकेश्वर, मंदिर में विराजमान

Badrinath Yatra 2021 भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोलियों के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी रविवार को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गईं। अब शीतकाल के छह माह भगवान बदरी नारायण योग-ध्यान बदरी मंदिर में ही अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 01:55 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 10:43 PM (IST)
Badrinath Yatra: शंकराचार्य की गद्दी यात्रा उद्धवजी और कुबरेजी के साथ पहुंची पांडुकेश्वर।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर(चमोली)। Badrinath Yatra 2021 भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोलियों के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी रविवार को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गईं। अब शीतकाल के छह माह भगवान बदरी नारायण योग-ध्यान बदरी मंदिर में ही अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

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सुबह उद्धवजी व कुबेरजी की डोली के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी को बदरीनाथ मंदिर परिसर में लाया गया, जहां धाम में मौजूद श्रद्धालु व हक-हकूकधारियों ने उनकी पूजा-अर्चना की। इसके बाद जय बदरी विशाल के उद्घोष के साथ डोलियां पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुईं।

बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर गांव तक सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच डोली व गद्दी यात्रा की आभा देखते ही बन रही थी। इस दौरान हनुमानचट्टी व अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं ने फूल मालाओं से डोली यात्रा का स्वागत किया।

पांडुकेश्वर पहुंचने पर उद्धवजी व कुबेरजी की उत्सव मूर्ति को योग-ध्यान बदरी मंदिर में विराजित किया गया। जबकि, आदि शंकराचार्य गद्दी सोमवार को पांडुकेश्वर से जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी।

इसके बाद गद्दी को शीतकालीन के लिए वहां स्थापित कर दिया जाएगा। इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल समेत बड़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।

श्रीराम के राजतिलक के साथ लीला संपन्न

गुप्तकाशी: केदारघाटी के अन्तर्गत 11 गांव गुप्तकाशी में चल रही रामलीला श्रीराम के राजतिलक के साथ संपन्न हो गई है। इस अवसर पर कलश संस्था की ओर से कवि सम्मेलन में कवियों ने रचनाओं की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

रामलीला अंतिम श्रीराम के अयोध्या लौटने पर स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। इससे पूर्व शनिवार रात्रि को श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई कर रावण का वध किया। रविवार को ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना व हवन की प्रक्रिया संपन्न की। कवि सम्मेलन में संचालक कवि ओम प्रकाश सेमवाल ने महादेव काशी विश्वनाथ के भजन के साथ का कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद केदार का बाटा काशी विश्वनाथ मादेबा, गुप्तकाशी बिराज्यां काशी विश्वनाथ मादेबा की प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक शैला रानी रावत, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, सुरेंद्रदत्त नौटियाल,आशा प्रसाद सेमवाल, कलम सिंह राणा, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मदन सिंह रावत, उपाध्यक्ष सते सिंह असवाल, सचिव- कुंवर सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष मुकेश अंथवाल, संरक्षक ममता नौटियाल समेत बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

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