Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कर्मचारी संघ में सेवानिवृत्त कर्मी तो मान्यता होगी समाप्त

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 27 Dec 2017 08:58 PM (IST)

    कर्मचारी संगठनों की ओर से बार बार दबाव के लिए हड़ताल की चेतावनी के खिलाफ सरकार सख्त हो गई। अब किसी संगठन में सेवानिवृत्त कर्मचारी होंगे तो संगठन की म ...और पढ़ें

    Hero Image
    कर्मचारी संघ में सेवानिवृत्त कर्मी तो मान्यता होगी समाप्त

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में कर्मचारी संगठनों की ओर से हड़ताल को लेकर लगातार बनाए जा रहे दबाव के बीच अब सरकार ने इन पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। शासन ने स्पष्ट किया है कि सेवा संघों की मान्यता नियमावली के अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी, कर्मचारी संघ, परिसंघ अथवा महासंघ का पदाधिकारी नहीं हो सकता। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शासन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि यदि उनके यहां सेवानिवृत्त कर्मचारी विभाग के अंतर्गत गठित संघ में पदाधिकारी अथवा सदस्य के रूप में कार्यरत हैं, तो ऐसे संघों की मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। 

    प्रदेश में इस समय कर्मचारी संगठन विभिन्न मांगों को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। इस समय कई ऐसे प्रमुख संगठन हैं, जिनकी कमान सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने संभाली हुई है। संघों के अहम पदों पर बैठे इन सेवानिवृत्त कर्मचारी नेताओं पर शासन व सरकार का कोई जोर नहीं रह पाता। इस कारण ये कर्मचारी नेता सरकार को दबाव में लेने में कामयाब भी रहते हैं। 

    बीते कुछ माह में हुए बड़े आंदोलनों की कमान अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मचारी नेता ही संभाले हुए थे। इस दौरान कड़े तेवरों के बावजूद सरकार को कई मामलों में बैकफुट पर आना पड़ा। 

    अब सरकार ने इसका तोड़ निकाल ही लिया है। ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए सरकार ने प्रदेश में 28 फरवरी 2002 को जारी सेवा संघों की मान्यता प्राप्त नियमावली का सहारा लिया है। 

    प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन राधा रतूड़ी ने सेवा संघों व परिसंघों की मान्यता को लेकर एक आदेश जारी किया। इसमें सेवा संघों को मान्यता नियमावली का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो सरकारी सेवा में न हो, संघ के क्रियाकलापों से संबद्ध नहीं हो सकता। पदाधिकारी, जिनमें कार्यसमिति के सदस्य भी हैं, उनके केवल कार्यरत कर्मचारी की नियुक्ति ही होगी। 

    आदेश में प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन के संज्ञान में आया है कि राज्याधीन सेवाओं के विभिन्न सेवा संवर्गों के अंतर्गत गठित संघ व महासंघ में सेवानिवृत्त कार्मिक पदाधिकारी व सदस्य के रूप में संघ के कार्यकलापों से संबद्ध हैं। 

    यह सेवा संघों की मान्यता नियमावली का उल्लंघन है। ऐसे संघों की मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। 

    इन संघों में है सेवानिवृत्त कर्मचारी

    राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद: ठाकुर प्रह्लाद सिंह अध्यक्ष व प्रदीप कोहली महासचिव। 

    राज्य निगम कर्मचारी महासंघ: संतोष रावत, अध्यक्ष।

    पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन : मनोहर मिश्रा, अध्यक्ष।

    प्राथमिक शिक्षक संघ: निर्मला मेहरा, अध्यक्ष।

    उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन: जीएन कोठियाल, केंद्रीय अध्यक्ष।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में पैदा होंगे एक लाख नए रोजगार

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के जंगल भरेंगे झोली, मिलेगा 185 गांवों को रोजगार

    यह भी पढ़ें: अब उत्तराखंड के पास हैं रोजगार के 30 हजार मौके, जानिए कैसे