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    उत्तराखंड में पैदा होंगे एक लाख नए रोजगार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 26 Dec 2017 08:50 PM (IST)

    उत्‍तराखंड सरकार सेवा के क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाओं को देख रही है। आने वाले तीन वर्षों में एक लाख नए रोजगार पैदा किए जाएंगे। ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड में पैदा होंगे एक लाख नए रोजगार

    देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: उत्तराखंड में आने वाले तीन वर्षों में एक लाख नए रोजगार पैदा किए जाएंगे। बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार सेवा के क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाओं को देख रही है। इसके साथ ही राज्य के तकरीबन 4.34 लाख अति निर्धन परिवारों के न्यूनतम एक सदस्य को आजीविका मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार ने विजन 2020 के तहत अपने एजेंडे में उक्त दोनों बिंदुओं को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शुमार किया है। यह माना जा रहा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की चुनौती को ध्यान में रखकर विजन 2020 के ब्ल्यू प्रिंट पर जोर दिया गया है। 

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    विजन 2020 की खास बात ये भी है कि राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों को ध्यान में रखकर केंद्रपोषित योजनाओं और केंद्रीय मदद के इर्द-गिर्द अपनी महत्वाकांक्षी प्राथमिकताओं को मूर्त रूप दे रही है। इसी वजह से इसमें केंद्र की मोदी सरकार का एजेंडा भी झलक रहा है। बेरोजगारी कम करने के चुनाव वायदे को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने 2020 तक एक लाख रोजगार सृजित करने का निर्णय लिया है। दरअसल, वर्ष 2013 की आपदा के कहर से उबर रहे उत्तराखंड में अब तीर्थाटन और पर्यटन की व्यापक संभावनाओं और इस दिशा में चल रही कवायद को ध्यान में रखकर सेवा क्षेत्र से उम्मीदें संजोई गई हैं। 

    5000 होम स्टे व 200 स्टार्ट अप

    खासतौर पर ऑल वेदर रोड और नई केदारपुरी को विकसित करने की चल रही तैयारी के मद्देनजर चार धाम मार्गों के इर्द-गिर्द होटल, रेस्तरांओं, ढाबों के साथ ही परिवहन सेवाओं का विस्तार तकरीबन तय माना जा रहा है। इन क्षेत्रों में सरकार की मदद से एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसी अवधि में पांच हजार पर्यटक होम स्टे के विकास और 200 स्टार्ट अप स्थापित किए जाने हैं। रोजगार के नए अवसरों को पैदा करने में इनकी अहम भूमिका रहने वाली है। मुख्य सचिव ने इसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। 

    आजीविका को 11 जिलों में रणनीति

    वहीं अगले तीन वर्षों में राज्य के 4,34614 अति निर्धन परिवारों को आजीविका मुहैया कराई जाएगी। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आइएलएसपी) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम (एनआरएलएम) के तहत इस योजना को अंजाम दिया जाएगा। मुख्य सचिव के निर्देश पर इसे विजन 2020 का हिस्सा बनाया गया है। ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव मनीषा पंवार के मुताबिक 11 पर्वतीय जिलों के 41 ब्लॉकों में वंचित परिवारों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। खाद्य सुरक्षा, पशुपालन, स्थानीय उत्पादों और इसके लिए विपणन की रूपरेखा तैयार कर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। 

    विजन 2020 के लिए निर्धारित प्रमुख लक्ष्य:  

    प्रत्येक घर को बिजली, पानी, कुकिंग गैस, सभी सरकारी योजनाओं में डीबीटी, लैंड रेकॉर्ड का पूरी तरह डिजिटलाइजेशन, मैटरनल मॉरटेलिटी रेट प्रति एक लाख की आबादी पर सौ, इन्फेंट मॉरटेलिटी रेट प्रति हजार पर 30, एक लाख बेघरों को आवास, 5000 सरकारी भवनों में रेन वाटर हारवेस्टिंग, हरिद्वार व देहरादून के सरकारी भवनों में सोलर ऊर्जा, सभी ग्राम पंचायतों में ओएफसी कनेक्टिविटी, एक लाख युवाओं का कौशल विकास, सौ फीसद साक्षरता दर, आपदा प्रबंधन में प्रत्येक गांव को युवक व महिला मंगल दल के जरिए प्रशिक्षण, गंगा में अनुपचारित गंदगी का प्रवाह नहीं।

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