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सरकार ने विधानसभा वार होने वाले कार्यक्रमों में दिया न्यौता, विपक्ष ने ठुकराया

सरकार ने विधानसभा वार होने वाले कार्यक्रमों में कांग्रेस समेत विपक्ष के सभी विधायकों की भी जिम्मेदारी तय की है। कांग्रेस ने सरकार के कार्यक्रम से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।

By Edited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 08:24 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 03:18 PM (IST)
सरकार ने विधानसभा वार होने वाले कार्यक्रमों में दिया न्यौता, विपक्ष ने ठुकराया
सरकार ने विधानसभा वार होने वाले कार्यक्रमों में दिया न्यौता, विपक्ष ने ठुकराया

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार ने विधानसभा वार होने वाले कार्यक्रमों में भाजपा के मंत्री व विधायकों के साथ ही कांग्रेस समेत विपक्ष के सभी विधायकों की भी जिम्मेदारी तय की है। हालांकि, कांग्रेस ने सरकार के इन तीन वर्षों को विफलता के वर्ष बताते हुए कार्यक्रम से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन भी करेगी। सरकार ने इन कार्यक्रमों में तीन महापौर व पांच जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 62 दायित्वधारियों को विधानसभा क्षेत्रों में आयोजन समिति के उपाध्यक्ष का जिम्मा सौंपा है। साथ ही सभी 13 जिलों में मुख्यमंत्री कार्यालय के 12 लोगों को जिला समन्वयकों का जिम्मा दिया गया है।

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प्रदेश सरकार ने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 'विकास के तीन साल: बातें कम काम ज्यादा' विषय पर विधानसभावार कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन कार्यक्रमों में संबंधित विधानसभा के विधायकों को आयोजन समिति अध्यक्ष का जिम्मा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी की गई सूची में जिन विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक जीते हैं, वहां के कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस विधायकों को ही सौंपी गई है। इन विधानसभा क्षेत्रों में महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष व दायित्वधारियों को इन कार्यक्रमों में उपाध्यक्ष का जिम्मा दिया गया है।

इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचना जारी कर सभी को इसका न्यौता भेजा गया है। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश भी शामिल हैं। संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गए हैं और वे विधायकों से इन कार्यक्रमों की अध्यक्षता के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। 

हालांकि, कांग्रेस ने सरकार के इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि सरकार ने यदि इन तीन वर्षों में ईमानदारी से काम किया होता, सहीं मायनों में बातें कम और काम ज्यादा किया होता तो कुछ बात थी। अभी तक कहीं कोई काम नहीं हुआ है। कांग्रेस सड़क से सदन तक लगातार सरकार के विफलता का विरोध कर रही है। 

चकराता से विधायक व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार ने विकास कार्य किया है तो अध्यक्षता भी कर लें। मौजूदा सरकार ने पिछले कांग्रेस सरकार के काम भी बंद कर दिए। विकास कार्य ठप हैं, पार्टी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर पहले ही विफलता को लेकर धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर रही है। 

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि यह सरकार का कार्यक्रम है, इसलिए सभी विधायकों को साथ लेकर चलने के लिए उन्हें अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया। अब कोई इसमें आना चाहता है तो अच्छी बात है, यदि कोई नहीं आना चाहता तो इसमें क्या कहा जा सकता है।

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