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दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या, सात साल का कठोर कारावास

दहेज के लिए पत्नी से मारपीट कर हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायालय ने सात साल का कठोर करावास की सजा सुनाई है।

By Edited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 03:34 PM (IST)
दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या, सात साल का कठोर कारावास
दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या, सात साल का कठोर कारावास
देहरादून, जेएनएन। दहेज के लिए पत्नी से मारपीट कर हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायालय प्रथम ने पति को दोषी मानते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले में सास और जेठ को भी आरोपित बनाया गया था, लेकिन जेठ की मौत हो चुकी है, जबकि सास को अदालत ने बरी कर दिया। मामला वर्ष 2015 में कोतवाली नगर क्षेत्र में सामने आया था। 
अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि सूरजमणि लेखवाड़ निवासी मसूरी की पुत्री रीना की मौत चार अप्रैल 2015 को हुई थी। उसका विवाह 2013 में राजन पालीवाल निवासी त्यागी रोड, सी ब्लॉक, नई बस्ती, रेसकोर्स के साथ हुआ था। मृतका के पिता सूरजमणि ने कोतवाली नगर में तहरीर देकर बताया था कि शादी के बाद राजन उनकी बेटी को शराब के नशे में दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। 
वह ड्राइवर था और उनकी बेटी से नई गाड़ी की मांग करता था। इस दौरान उसने राजन को दस हजार रुपये दिए थे, लेकिन पैसे खत्म होने के बाद वह फिर से पैसों की मांग करने लगा। वादी के मुताबिक उनकी देहरादून में कुछ जमीन थी, वह उस जमीन को उसे देने या गाड़ी देने की मांग कर रहा था। बताया कि मौत के तीन दिन पहले उसने उनकी बेटी के साथ जमकर मारपीट की थी। जिससे वह ढाई घंटे बेहोश रही। इसके बाद भी जेठ के सामने भी उसकी पिटाई की।
आरोप लगाया कि सास विद्याता देवी, जेठ ऋषिपाल और जेठानी शकुंतला देवी भी उनकी बेटी के साथ दु‌र्व्यवहार करते थे। चार अप्रैल 2015 को राजन ने उनकी बेटी को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने इस मामले में पति, सास और जेठ के खिलाफ दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न में मुकदमा दर्ज किया और पति राजन को गिरफ्तार कर लिया। मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। 
तमाम गवाहों और साक्ष्यों को देखते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आरके खुल्बे ने आरोपित पति को दोषी पाते हुए दहेज हत्या में सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि सास विद्याता देवी को दोषमुक्त करार दिया।

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