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    Hill Station मसूरी-नैनीताल में उमड़े सैलानी, होटल-गेस्ट हाउस रहे पैक; कमरा नहीं मिला तो पर्यटकों ने ऐसे गुजारी रात

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 03 Oct 2021 07:59 PM (IST)

    Tourist Place Mussoorie and Nainital वीकेंड परउत्तराखंड के पर्यटक स्थल गुलजार हैं। विशेषकर पहाड़ों की रानी मसूरी सरोवर नगरी नैनीताल और लैंसडौन में सैलानियों का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों पर्यटक स्थलों में दिनभर जाम के हालात बने रहे।

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    केंड पर मसूरी-नैनीताल में उमड़े सैलानी, होटल-गेस्ट हाउस रहे पैक।

    जागरण टीम, देहरादून/मसूरी: Tourist Place Mussoorie and Nainital सप्ताहंत पर उत्तराखंड के पर्यटक स्थल गुलजार हैं। विशेषकर पहाड़ों की रानी मसूरी, सरोवर नगरी नैनीताल और लैंसडौन में सैलानियों का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों पर्यटक स्थलों में दिनभर जाम के हालात बने रहे। होटल और गेस्ट हाउस में 70 से 80 प्रतिशत बुकिंग होने से कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। नैनीताल की नैनी झील में नौकायन के शौकीनों की कतारें लगी रहीं तो चिड़ियाघर के लिए चलने वाली शटल सेवा भी पूरी तरह पैक रही। इसके अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश भी तीर्थ यात्रियों से पैक रहे। दोनों शहरों में जाम से यात्री हलकान रहे।

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    पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटकों की आमद निरंतर कोरोना संक्रमण की रोकथाम की गाइडलाइन को चुनौती दे रही है। वीकेंड पर सभी इंतजाम धरे रह जा रहे हैं और इस दफा तो पर्यटकों को होटलों में जगह तक नहीं मिल पाई। शुक्रवार, शनिवार व रविवार को तीन दिन की छुट्टी को देखते हुए पर्यटकों की आमद शुक्रवार से होने लगी थी और पहले ही दिन बुकिंग का ग्राफ 80 फीसद तक पहुंच गया था और शनिवार दोपहर बाद तक यह 100 फीसद पहुंच गया।

    मसूरी में करीब 350 होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं। इनमें आठ हजार कमरों के साथ करीब 25 हजार व्यक्तियों के ठहरने की क्षमता है। शनिवार को मसूरी के सभी होटल पैक हो जाने के बाद भी पर्यटकों की आमद जारी रही। बड़ी संख्या में ऐसे पर्यटक भी थे, जिन्होंने प्री-बुकिंग नहीं कराई थी। कमरे को लेकर पर्यटक इधर-उधर भटकते रहे। कई पर्यटकों ने देर रात तक भी कमरे न मिलने पर देहरादून में ठौर तलाशा। वहीं, बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी में ही कारों के भीतर रात गुजारने को विवश रहे। यह बात भी सामने आ रही है कि कुछ पर्यटकों को होटल व दुकानों के परिसर में रात गुजारनी पड़ी। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी। इतना जरूर है कि सैर-सपाटे के लिए मसूरी आए तमाम पर्यटकों के लिए शनिवार की रात भारी गुजरी।

    रविवार दोपहर तक मिली राहत

    जो पर्यटक शुक्रवार को ही मसूरी पहुंच चुके थे, उनमें से बड़ी संख्या में रविवार दोपहर तक लौटने लगे थे। इसके चलते बुकिंग का ग्राफ 80 फीसद पर आ गया। इसके बाद होटल के लिए मारे-मारे फिर रहे पर्यटकों को राहत मिल पाई।

     

    15 हजार की व्यवस्था का पालन नहीं

    कोरोना संक्रमण की रोकथाम और मसूरी की क्षमता को देखते हुए जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने वीकेंड पर एक दिन में अधिकतम 15 हजार पर्यटकों को ही प्रवेश देने का आदेश दिया है। वहीं, उन्हीं पर्यटकों को मसूरी आने की अनुमति है, जिनके पास अधिकतम 72 घंटे पुरानी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट (आरटी-पीसीआर), होटल की प्री बुकिंग व स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण है। हालांकि, पुलिस व स्थानीय प्रशासन इस व्यवस्था का समुचित अनुपालन नहीं करा पा रहा। बीते दिनों जिलाधिकारी ने भी पाया था कि उनके आदेश का पालन कराने में ढिलाई बरती जा रही है।

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    पर्यटकों की आमद दर्ज करने की केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं

    मसूरी में वीकेंड (शनिवार-रविवार) पर 15 हजार पर्यटकों को प्रवेश देने के नियम का पालन कराने के लिए कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं है। क्योंकि जिस भी होटल, गेस्टहाउस आदि में कमरे खाली होंगे, वह बुकिंग की जाती रहेगी। बुकिंग करने वाले व्यक्तियों को यह पता नहीं रहता है कि उस समय तक मसूरी में कुल कितने पर्यटक बुकिंग करा चुके हैं। जो बुकिंग वह ले रहे हैं, वह 15 हजार के अधीन है या उससे अधिक।

    कमरा न मिलने पर यात्रियों ने ऐसे गुजारी रात

    पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटकों और यात्रियों को होटल और गेस्ट हाउस नहीं मिलने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आलम ये रहा कि कुछ ने तो सड़कों और दुकानों के छज्जे के नीचे रात बिताई, जबकि कुछ की रात ठेलियों पर चाय पीते हुए गुजरी।

    नैनीताल में भी रही मसूरी जैसी स्थिति

    सुबह से ही हल्द्वानी, कालाढूंगी और भवाली रोड से पर्यटक वाहनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। लोअर माल रोड में पर्यटक वाहनों की कतार लगी रहीं। वहीं बारापत्थर, केव गार्डन, रोप वे, किलबरी, हिमालय दर्शन, खुर्पाताल, स्नोव्यू, टांकी बैंड पर्यटकों से पैक हैं। माल रोड के होटलों के साथ ही छोटे-बड़े होटल भी गुलजार हैं। कोविड काल में होटल और गेस्ट हाउसों ने किराये में 50 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी, लेकिन अब भीड़ बढ़ने पर किराया फिर से बढ़ा दिया गया है।

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