Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ड्राइविंग लाइसेंस को निर्धारित मानक करने होंगे पूरे, जान पहचान न आएगी काम

    By Edited By:
    Updated: Thu, 18 Apr 2019 03:52 PM (IST)

    देहरादून आरटीओ कार्यालय में अब मोटर ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए जान पहचान से काम नहीं चलेगा।

    Hero Image
    ड्राइविंग लाइसेंस को निर्धारित मानक करने होंगे पूरे, जान पहचान न आएगी काम

    देहरादून, विकास गुसाईं। देहरादून आरटीओ कार्यालय में अब मोटर ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए जान पहचान से काम नहीं चलेगा। लाइसेंस लेने के लिए आवेदक को ड्राइविंग के सभी निर्धारित मानकों को पूरा करना ही होगा। ड्राइविंग टेस्ट को विभाग का तकनीकी अधिकारी नहीं, बल्कि कंप्यूटर चेक करेगा। कंप्यूटर से जारी नतीजे के बाद ही सफल आवेदकों को लाइसेंस जारी किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस व्यवस्था को धरातल पर उतारने के लिए परिवहन विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आइटीडीआर) और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर परियोजना का संचालन करेंगे। इस योजना को एक जुलाई से ट्रायल मोड पर और 15 अगस्त से विधिवत धरातल पर उतारने की तैयारी है।

    प्रदेश में अभी परिवहन विभाग के कार्यालयों में लाइसेंस बनाने के लिए टेस्ट सिमुलेटर में लिए जाते हैं। यदि किसी की विभाग में थोड़ी बहुत जान पहचान हो और वाहन चलाना आता हो तो उसे सिमुलेटर टेस्ट पास करने में बहुत अधिक दिक्कत नहीं आती है। कुछ समय पहले परिवहन विभाग ने भारी वाहनों के लाइसेंस के लिए आइटीडीआर को अधिकृत किया था। दरअसल, आइटीडीआर में पूरा ट्रेक बना हुआ है, जिसमें पर्वतीय मार्गों की भांति तीव्र मोड़, चढ़ाई और ढलान आदि बनाए गए हैं। हालांकि, यहां भी प्रशिक्षक चालकों को पास अथवा फेल करते थे। 

    इसमें भी जान पहचान के कारण गलती होने पर भी टेस्ट पास करने की गुंजाइश रहती थी। अब परिवहन विभाग, आइटीडीआर और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर एक सॉफ्टवेयर लेकर आ रहे हैं। शुरुआती चरण में इसे भारी वाहन के लाइसेंस के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके तहत वाहन के भीतर और बाहर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे कंप्यूटर से कनेक्ट रहेंगे। टेस्ट के दौरान ड्राइवर की पूरी रिकार्डिग की जाएगी। यह देखा जाएगा कि ड्राइवर ने सीट बेल्ट बांधी है या नहीं, मोड़ काटते समय कहीं गाड़ी कोने से तो नहीं टकराई, गाड़ी रिवर्स करते समय रियर व्यू मिरर देखा कि नहीं। पार्किंग किस तरह से की। 
    इस रिकॉर्डिग के आधार पर टेस्ट देने वाले ड्राइवर को अपने आप ही नंबर मिल जाएंगे। पास होने की सूरत में लाइसेंस मिलेगा और फेल होने की सूरत में उसे एक निश्चित समयसीमा के भीतर फिर से आवेदन करना होगा। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर परिवहन आयुक्त कार्यालय से लेकर माइक्रोसॉफ्ट, आइटीडीआर और परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठकें हो चुकी हैं। आचार संहिता लगे होने के कारण अभी इस योजना को शुरू नहीं किया जा रहा है। इस योजना को ट्रायल के तौर पर एक जुलाई से शुरू किया जाएगा और फिर इसे विधिवत आरंभ कर दिया जाएगा। प्रदेश के शेष जिलों में मोटर ड्राइविंग लेन बनने के बाद यह योजना शुरू की जाएगी।