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उत्तराखंड की चट्टानों पर उगेगी सेहत की बूटी, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तराखंड की पथरीली जमीन पर जड़ी-बूटी उगाई जाएगी। जो किसानों की आर्थिकी सुधारने के साथ ही लोगों को किफायती औषधियां उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 04:07 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 07:06 PM (IST)
उत्तराखंड की चट्टानों पर उगेगी सेहत की बूटी, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड की चट्टानों पर उगेगी सेहत की बूटी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, अंकुर शर्मा। चट्टान, पथरीली जमीन अब पहाड़ के लोगों के विकास में रोड़ा नहीं बनेगी। पथरीली जमीन पर जड़ी-बूटी उगाई जाएगी। जो किसानों की आर्थिकी सुधारने के साथ ही लोगों को किफायती औषधियां उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगी। जड़ी-बूटी शोध संस्थान ने पथरीली जमीन एवं चट्टानों पर पनपने वाली जड़ी-बूटी को लेकर एक ‘रॉक हर्बल गार्डन’ तैयार किया है।

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हिमालयी राज्य उत्तराखंड का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किमी है। सूबे में नौ जनपद पर्वतीय हैं। इन जिलों में अधिकांश भूमि पथरीली है या चट्टानों से पटी हुई है। इन पर उन्नत किस्म की फसल नहीं उग पाती है। इस वजह से स्थानीय किसान इस जमीन को यूं ही बंजर छोड़ देते हैं। इससे जमीन होने के बाद भी किसान खेती नहीं कर पाते हैं। नतीजतन स्थानीय लोगों की आय नहीं हो पाती है और वे पलायन को मजबूर होते हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पथरीली जमीन, चट्टानों की वजह से 1142.16 वर्ग किमी भूमि अनुपयोगी है। कुमाऊं में 611.44 और गढ़वाल मंडल में 530.72 वर्ग किमी भूमि पर खेती करना मुश्किल है। इधर, जड़ी बूटी शोध संस्थान ने पहाड़ की पथरीली जमीन को उपजाऊ बनाने की अनूठी पहल की है। संस्थान ने पथरीली जमीन में पनपने वाली औषधीय गुण वाली वनस्पतियां उगाने की योजना बनाई है। फिर इन वनस्पतियों से चमोली जिले के गोपेश्वर में एक रॉक हर्बल गार्डन बनाया गया है। इस गार्डन में चट्टान पर औषधीय गुणों वाली वनस्पतियां उगाई गई हैं। इन वनस्पतियों की बाजार में बेहद मांग है। प्रयोग सफल होने के बाद अब संस्थान इसको प्रदेश के सभी पर्वतीय जिलों में मॉडल के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही पर्वतीय जिलों के स्थानीय लोगों/किसानों को जागरूक किया जाएगा।

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