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उत्तराखंड में कहर बरपा रही बारिश और अंधड़, चमोली में बादल फटा

उत्तराखंड में अंधड़ और बारिश ने अपना कहर बरपाया है। चमोली जिले के नारायण बगड़ में बादल फटने से कर्इ मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि कुमाऊं में कर्इ लोग जख्मी हुए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 05:15 PM (IST)
उत्तराखंड में कहर बरपा रही बारिश और अंधड़, चमोली में बादल फटा
उत्तराखंड में कहर बरपा रही बारिश और अंधड़, चमोली में बादल फटा

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मौसम की भविष्यवाणी सटीक साबित हुर्इ है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आंधी और बारिश ने अपना कहर बरपाया है। चमोली जिले के नारायणबगड़ में बादल फटने से कर्इ दुकानें और मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की कोर्इ खबर नहीं है। कुमाऊं में भी अंधड़ और बारिश ने कहर बरपाया है।  

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चमोली जिले के नारायणबगड़ में भारी बारिश के बाद अचानक बादल फट गया। जिससे केवल तल्ला गदेरे से पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी बहकर आ गया। इससे कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाइवे आधा घंटा बंद रहा। वहीं जीतसिंह मार्केट में हाइवे पर खड़े ट्रक, बोलेरो सहित पांच वाहन भी मलबे में दब गए। इतना ही नहीं, बादल फटने के बाद कर्इ दुकानों, अस्पताल और घरों में मलबा घुस गया साथ ही मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद स्थानीय लोग खौफज़दा हैं और वह अपने घरों में जाने से डर रहे हैं। वहीं बादल फटने की सूचना पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और हाइवे पर यातायात सुचारू किया। 

आपको बता दें कि इस क्षेत्र में 15 से अधिक भवनों पर खतरा मंडरा रहा है। बारिश के दौरान लोग घरों में रहने से डर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर पानी निकासी नहीं की गर्इ तो यहां रहना खतरे से खाली नहीं है। पुलिस चौकी प्रभारी हेमंत सेमवाल ने बताया कि नाले का जलस्तर अब कम हो गया है और हाइवे पर यातायात भी सुचारू कर दिया गया है। 

जिलाधिकारी आशीष जोशी ने कहा कि मौके पर रेस्क्यू टीम मौजूद है। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान नाला उफान पर आने से दुकानों में पानी मलबा घुसा था, अब स्थिति सामान्य है। उन्होंने ये भी बताया कि थराली के कूनी पार्था में ओलावृष्टि से एक खच्चर की मौत हुई है। 

बारिश से बदरीनाथ हार्इवे  एक घंटे रहा बंद 

बारिश के चलते बदरीनाथ हाइवे मैठाणा में दो जगह करीब एक घंटे तक बंद रहा। हाइवे बंद होने से यात्री वाहनों की लंबी कतार लगी। जिला अधिकारी के मौके पर पहुंचने के बाद एनएच विभाग ने जेसीबी मशीन लगाकर हाइवे पर यातायात सुचारू किया। 

आंधी से केंद्रीय राज्यमंत्री टम्टा की गाड़ी के आगे गिरा पेड़  

वहीं अचानक आई आंधी के चलते केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा की गाड़ी के आगे पेड़ गिर गया। दरअसल, टम्टा कलक्ट्रेट सभागार में नीति आयोग की बैठक से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लौटने के लिए भेल सेक्टर चार पीठ बाजार तक पहुंचे ही थे कि अचानक एक पेड़ गिर पड़ा। हालांकि चालक ने तत्परता दिखाते हुए गाड़ी मोड़ ली। इससे गाड़ी सड़क किनारे गड्ढे में जा पहुंची। हालांकि इस दौरान कोर्इ हताहत नहीं हुआ। 

ट्रेनों पर भी पड़ा अंधड़ का असर

शाम को चली तेज आंधी के चलते देहरादून आने वाली और यहां से जाने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हुईं। अंधड़ के चलते पेड़ गिरने से बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिस वजह से ट्रेनों का संचालन करीब 40 मिनट के लिए ठप रहा।

डोईवाला-कांसरो के बीच एक पेड़ गिरने की वजह से बिजली की तारें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिस वजह से दून आ रही बांद्रा एक्सप्रेस ट्रैक पर ही खड़ी हो गई। शाम करीब साढ़े पांच बजे ट्रैक से पेड़ हटाया गया, लेकिन बिजली की तारें क्षतिग्रस्त होने की वजह से बांद्रा कांसरो स्टेशन पर ही खड़ी हो गई। ये ट्रेन रात साढ़े नौ बजे तक भी दून नहीं पहुंच पाई थी।

इसके अलावा दून से जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को डीजल इंजन लगाकर करीब 35 मिनट देरी से चलाया गया। स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि इनके अलावा शाम को जाने वाली जनता एक्सप्रेस तय समय से डेढ़ घंटे देर से चलाई गई, जबकि शाम सात बजे जाने वाली लाहौरी एक्सप्रेस रात साढ़े नौ बजे तक भी नहीं चल पाई थी। 

सोनकर के अनुसार दून आने वाली पैसेंजर ट्रेन और जन शताब्दी एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस भी तय समय से देर से दून पहुंची। वहीं, उन्होंने बताया कि मंगलवार को मुजफ्फरपुर से आने वाली राप्ती गंगा एक्सप्रेस बुधवार रात तक भी दून नहीं पहुंची थी। इस कारण ट्रेन को देर रात ढाई बजे के लिये रि-शेडयूल किया गया।

कुमाऊं में भी अंधड़ और बारिश से लोग बेहाल 

बुधवार शाम को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। हालांकि पहाड़ पर दिन में भी कुछ जगह बादल छाए हुए थे, लेकिन शाम होते-होते पहाड़ से लेकर भावर और तराई को अंधड़ ने हिलाकर रख दिया। यही नहीं दो घंटे की मूसलधार बारिश जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर गई। पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा के कई स्थानों पर हिमपात हुआ तो किसानों के बचे अरमानों पर ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया। अधिकांश स्थानों पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया, जिसमें कई लोगों के जख्मी होने की सूचना है।  

 हल्द्वानी समेत आसपास के क्षेत्र में शाम को अचानक आसमान में बादल उमडऩा शुरू हो गया। शाम करीब पौने छह बजे तेज अंधड़ व बरसात शुरू हो गई। रामपुर रोड पर स्वराज माजदा के शोरूम के सामने अंधड़ से यूकेलिप्टिस का विशाल पेड़ गिरा और जीतपुर नेगी निवासी सोनिया (22 वर्ष) इसकी चपेट में आ गई। अंधड़-बरसात के बीच देवलचौड़ खाम निवासी किसान प्रमोद दरम्वाल ने तुरंत घर से ट्रैक्टर लाकर लोगों की मदद से घायल सोनिया को निकाला। उसके साथ घर लौट रही ओमवती (18 वर्ष) भी मामूली जख्मी हुई है।

टिन की छत उड़ने से चपेट में आर्इ एक 

इंदिरानगर में छत की टिन उड़ने से चपेट में आई नाजरीन (13 वर्ष) घायल हो गई। एसडीएम एपी वाजपेयी और सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय घायलों का हाल जानने हॉस्पिटल पहुंचे। बरेली रोड पर पेड़ गिरने से तीनपानी में तीन कारें, रामपुर रोड पर देवलचौड़ के पास एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। कालाढूंगी रोड पर कमलुवागांजा में दो लोग मामूली जख्मी हुए। नगर निगम के सामने यूनिपोल टूटने से नैनीताल हाईवे जाम हो गया। प्रशासन की टीमों ने सड़कों पर टूटकर गिरे सभी पेड़ हटाए। 

फसल को भी पहुंचा भारी नुकसान 

धौलादेवी विकासखंड के अनेक भागों में देर शाम भयंकर ओलावृष्टि शुरू हो गई। आधे घंटे से अधिक समय तक ओलों की बारिश रही। खेतों में लगे मिर्च, बैंगन, भिंडी आदि सब्जी के पौधे सब नष्ट हो चुके हैं। आम और नींबू प्रजाति के फलदार पेड़ों में काफी नुकसान होने के आसार हैं। 

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