उत्तराखंड: पौड़ी में बादल फटने से नुकसान; कैम्पटी फॉल ने धारण किया विकराल रूप
उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। पौड़ी जिले में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। जबकि कैम्पटी फॉल उफान पर है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के बीच मुश्किलों का दौर जारी है। पौड़ी जिले के दूरस्थ क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय नदी में उफान के साथ आए मलबे से कलुण गांव में चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए। छह मवेशियों के बहने की भी सूचना है। इसके अलावा खेतों में मलबे से फसल भी तबाह हुई है। वहीं, पहाड़ों की रानी मसूरी के निकट कैम्पटी फॉल ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया। ये नजारा बेहद ही भयावह था। करीब दो घंटे बाद हालात सामान्य हुए तो आसपास के दुकानदारों ने राहत की सांस ली। कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर में एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई। दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुसार देहरादून समेत प्रदेश के आठ जिलों पर अगले 24 घंटे भारी पड़ सकते हैं।
बदरीनाथ के पास लामबगड़ में नाले में आए उफान से हाईवे का 30 मीटर हिस्सा बह गया है। यहां पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही चार दिन से ठप है। ऐसे में हाईवे खुलने का इंतजार और बढ़ गया है। इसके अलावा जोशीमठ-मलारी के बीच हाईवे पर आए मलबे को हटाने का काम जारी है।
सड़कों पर मौसम की मार जारी है। यमुनोत्री धाम के पास डाबरकोट में पत्थरों के गिरने का क्रम जारी है। प्रदेश में भूस्खलन के कारण अब भी 80 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद है, हालांकि करीब तीस सड़कों पर आवाजाही बहाल कर दी गई है। इस बीच चमोली जिले शनिवार रात भारी बारिश के बीच घाट तहसील में स्थानीय बरसाती नदी का जलस्तर बढऩे से आधा दर्जन मकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा नदी पर बना पुल भी खतरे की जद में आ गया है। उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत पर सक्रिय भूस्खलन को देखते हुए १६ परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। टिहरी जिले के कोट गांव में तेज बारिश से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। पिछले दिनों यहां मकान ढहने से दो परिवारों के सात लोगों की मौत हो गई थी।
कुमाऊं में भी स्थिति गढ़वाल मंडल जैसी रहीं। सुबह से दोपहर तक बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा में दौड़ लगाने गया युवक पैर फिसलने से कामन नदी में डूब गया। बताया जा रहा है कि वह अर्धसैनिक बल में भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था।
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