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चमोली में आकाशीय बिजली से एक की मौत, बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे भी बंद

चमोली की थराली तहसील में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसी के साथ बारिश के कहर से दो दिन में मरने वालों की संख्या दस पहुंच गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 09:21 AM (IST)
चमोली में आकाशीय बिजली से एक की मौत, बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे भी बंद
चमोली में आकाशीय बिजली से एक की मौत, बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे भी बंद

देहरादून, [जेएनएन]: पहाड़ से मैदान तक बारिश का कहर जारी है। चमोली की थराली तहसील में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसी के साथ बारिश के कहर से दो दिन में मरने वालों की संख्या दस पहुंच गई है। इसके अलावा गौरीकुंड के पास केदारनाथ हाईवे का बीस मीटर भाग भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है। इससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

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दूसरी ओर बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे पर भी आवाजाही बाधित हो गई है। हरिद्वार में गंगा फिर से खतरे के निशान के करीब बह रही है। शाम को जलस्तर  293.70 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर पर है।चमोली जिले के थराली तहसील के रतगांव निवासी मोहन सिंह फर्सवाण मवेशियों को लेकर जंगल गए थे। ग्रामीणों के अनुसार दोपहर बाद एकाएक तेज गडग़ड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली गिरी और मोहन बुरी तरह से झ़ुलस गए। साथी लोग कुछ करते इससे पहले ही उनकी मौत हो गई। इसके अलावा चमोली जिले की ही घाट तहसील में गोशाला ध्वस्त होने से कई भेड़-बकरियां दबने की सूचना है।

 

एक घंटे में 60 एमएम बारिश से देहरादून शहर लबालब

मानसून की मूसलाधार बारिश आमजन पर भारी पड़ रही है। बुधवार दोपहर को जोरदार बारिश से शहर बेहाल हो गया। इस बीच करीब घंटेभर में 60.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। घंटाघर के आसपास के क्षेत्रों में मुख्य चौराहे और सड़कें बारिश से लबालब हो गईं। पिछले 24 घंटे में देहरादून में रिकॉर्ड 131.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जबकि, इस दौरान मसूरी में 59.2 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले 24 घंटे में उत्तराखंड के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दून में एक से दो दौर तेज बारिश के आसार हैं।

लगातार जारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भूस्खलन के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा सड़कों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। करीब पांच सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन बड़ी चुनौती बन गया है। उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत से रुक-रुक कर पत्थर बरस रह हैं। इससे आसपास के बीस परिवारों को वहां से शिफ्ट कर दिया गया है।  गौरीकुंड के पास फाटा में भूस्खलन से सड़क धंस गई है। बीस मीटर हिस्सा ध्वस्त होने से केदारनाथ हाईवे पर आवाजाही ठप है। हालांकि इन दिनों वहां ज्यादा यात्री नहीं हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि एसडीआरएफ की निगरानी में यात्रियों को भूस्खलन क्षेत्र पार कराया जा रहा है। गढ़वाल और कुमाऊं में नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में पिंडर , मंदाकिनी और अलकनंदा उफान पर हैं तो कुमाऊं में काली नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। सरयू, शारदा और गोरी नदी का उफान भी भयभीत करने वाला है।

बागेश्वर में नौ मकान क्षतिग्रस्त

कुमाऊं के बागेश्वर जिले में बारिश से 9 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वही बघर में अतिवृष्टि से चार मवेशियों की मौत भी हो गइ हैं। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील का मदकोट कस्बा पिछले 48 घंटे से अंधेरे में डूबा है। बिजली नहीं होने से लोगों को अंधेरे में रात बितानी पड़ रही है।

कोट गांव में 22 परिवारों ने छोड़े घर

बुधवार को टिहरी जिले के कोट गांव में दो मकानों में सात लोगों के जिंदा दफन होने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। खतरे की जद में आए मकानों में रह रहे 22 परिवारों को प्रशासन ने घर खाली करा दिए हैं। इन लोगों को गांव के ही अन्य घरों में ठहराया गया है। घनसाली के एसडीएम पीआर चौहान ने बताया कि गांव में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है।

शनिवार व रविवार को भारी बारिश

प्रदेश में शुक्रवार को मौसम भले ही सामान्य रहेगा, लेकिन शनिवार से यह और तल्ख हो सकता है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक शनिवार और रविवार को पूरे प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है।  मौसम की चेतावनी के मद्देनजर शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया है। 

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