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    हरिद्वार कुंभ में परेशानी का सबब नहीं बनेंगे वन्यजीव, पढ़िए पूरी खबर

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    Updated: Thu, 02 Jul 2020 02:04 PM (IST)

    हरिद्वार कुंभ के दौरान वन्यजीव परेशानी का सबब नहीं बनेंगे। मानव-वन्यजीव संघर्ष को थामने के मद्देनजर विभिन्न उपायों के लिए कैंपा से 10.65 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

    हरिद्वार कुंभ में परेशानी का सबब नहीं बनेंगे वन्यजीव, पढ़िए पूरी खबर

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। अगले वर्ष होने वाले हरिद्वार कुंभ के दौरान वन्यजीव परेशानी का सबब नहीं बनेंगे। क्षेत्र में लगातार गहराते मानव- वन्यजीव संघर्ष को थामने के मद्देनजर विभिन्न उपायों के लिए उत्तराखंड प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) से 10.65 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके तहत हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक कुंभ मेला क्षेत्र से लगे राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ ही हरिद्वार, देहरादून व नरेंद्रनगर वन प्रभागों में वन सीमा पर सोलर फैसिंग, हाथीरोधी दीवार समेत अन्य कदम उठाए जाएंगे। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने स्वीकृत धनराशि का उपयोग हर हाल में अक्टूबर तक सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

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    हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक के क्षेत्र में वन्यजीवों के खौफ ने नींद उड़ाई हुई है। कुछ माह पहले हरिद्वार में हाथी ने आबादी वाले क्षेत्र में धमक दो लोगों को मार डाला था। इसके अलावा सत्यनारायण, मोतीचूर, रायवाला, ऋषिकेश तक के क्षेत्र में गुलदार समेत दूसरे वन्यजीव खतरे का सबब बने हुए हैं। 

    हालांकि, वहां लगातार गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष को थामने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन कुंभ को लेकर चिंता अधिक गहराने लगी है। वजह ये कि कुंभ मेला क्षेत्र हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक फैला है।

    इस सबको देखते हुए कुंभ के दौरान मानव-वन्यजीव संघर्ष को थामने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर फोकस किया गया है। इस कड़ी में कैंपा से भी वन महकमे को संबल मिला है। कुंभ मेला क्षेत्र में वन्यजीव न धमकें, इसके लिए वन सीमा पर सोलर व इलेक्ट्रिक फैंसिंग, हाथीरोधी दीवार, खाई खुदान, बंदरों को पकड़ने व बंध्याकरण, उत्पाती हाथियों की रेडियो कॉलरिंग, वॉच टावर का निर्माण, चौकियों व पेट्रोलिंग शेल्टरों की मरम्मत जैसे कार्यों के लिए कैंप ने 10.65 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

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    राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के अनुसार राजाजी रिजर्व समेत अन्य वन प्रभागों को निर्देश दिए गए हैं कि अक्टूबर तक ये सभी कार्य संपन्न करा लिए जाएं। उन्होंने बताया कि कुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में क्विक रिस्पांस टीमें भी तैनात रहेंगी। इसके अलावा जनजागरण के लिहाज से भी कदम उठाए जा रहे हैं।

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