कांग्रेस के प्रकोष्ठों में बदलाव को लेकर खींचतान, दिखेंगे नए चेहरे
दिल्ली विधानसभा चुनाव निपटने के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस के कुछ प्रकोष्ठों में नए चेहरे दिखाई पड़ सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस के भीतर अभी और खींचतान के आसार बने हुए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विधानसभा चुनाव निपटने के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस के कुछ प्रकोष्ठों में नए चेहरे दिखाई पड़ सकते हैं। प्रकोष्ठों के मौजूदा अध्यक्षों में बदलाव को लेकर कुछ दिग्गज नेताओं के राजी नहीं होने से मामला अभी तक लटका हुआ है। ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस के भीतर अभी और खींचतान के आसार बने हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी बीते माह घोषित की गई थी। नई कमेटी में मिली जगह को लेकर विधायक हरीश धामी खुलकर पार्टी के विरोध में आ खड़े हुए थे। धामी को प्रदेश सचिव से हटाकर विशेष आमंत्रित सदस्य सूची में शामिल करने के बाद विवाद का पटाक्षेप हो गया।
पार्टी में फिलहाल सब शांत दिख रहा है, लेकिन संगठन में बदलाव कुछ दिग्गज नेताओं को सुहाता नहीं दिख रहा है। ऐसे में प्रदेशस्तरीय प्रकोष्ठों में बदलाव की कवायद में असंतोष के सुर फिर दिखाई दे सकते हैं। प्रदेश अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर पूर्व विधायक राजकुमार की तैनाती लंबी मशक्कत के बाद हो पाई है। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड किसान कांग्रेस और उत्तराखंड आइटी प्रकोष्ठ समेत कुछ प्रकोष्ठों में बदलाव होगा।
इन दोनों की प्रकोष्ठों पर मौजूदा अध्यक्षों को बदलने का अंदरखाने विरोध भी हो रहा है। कुछ दिग्गज नेता इन प्रकोष्ठों के बदलाव पर सहमत नहीं हैं। इस वजह से यह मामला अब तक लटका रहा है। इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यक, बुद्धिजीवी, पूर्व सैनिक, मजदूर, व्यापार, निर्बल वर्ग कल्याण, समेत कई प्रकोष्ठों में नई तैनाती की कसरत परवान चढ़ सकती है।
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पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के चलते यह कदम उठाने से गुरेज कर रहा था। अब चुनाव निपटने के बाद प्रकोष्ठों में भी नए अध्यक्ष दिखाई दे सकते हैं। मिशन 2022 की तैयारी के मद्देनजर प्रदेश संगठन प्रकोष्ठों में नए चेहरों पर दांव खेलने के पक्ष में बताया जा रहा है। संपर्क करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर नई कमेटी बननी हैं। पार्टी सबको साथ लेकर आगे बढ़ रही है।
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