कार्मिकों के तल्ख तेवर के सामने बजट सत्र चलाने की चुनौती
बजट सत्र से ऐन पहले पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कर्मचारियों के तल्ख तेवर सरकार की पेशानी पर बल डाले हुए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इससे सत्र में कोई व्यवधान नहीं पड़ेगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। बजट सत्र से ऐन पहले पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कर्मचारियों के तल्ख तेवर सरकार की पेशानी पर बल डाले हुए हैं। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि इससे सत्र में कोई व्यवधान नहीं पड़ेगा। बावजूद इसके सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। यही कारण भी है कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी विभागीय सचिवों व अध्यक्षों को पत्र लिखकर ऐसे सक्षम अधिकारी नियुक्त करने को कहा है जो सत्र के दौरान किसी भी तरह की वांछित सूचना उपलब्ध करा सकें। वही, कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि कर्मचारियों की मांगों पर उनसे वार्ता कर सकारात्मक समाधान निकाला जा सकेगा। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कर्मचारी आंदोलनरत हैं।
अन्य प्रदेशों के कर्मचारी संगठनों का साथ मिलने के बाद उनके हौसले बुलंद है। यही कारण भी है कि अब कर्मचारियों ने पदोन्नति में रोक हटाने का आदेश न होने की सूरत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए अल्टीमेटम भी दिया हुआ है। यहां तक कि दो मार्च को सुबह नौ बजे तक मामले में सरकार द्वारा सकारात्मक जवाब न मिलने पर गैरसैंण कूच का भी आह्वान किया गया है। कर्मचारियों के तेवर सरकार को परेशान कर रहे हैं। कारण यह कि तीन मार्च से बजट सत्र आहूत है।
सत्र के सुचारू संचालन में कार्मिकों की अहम भूमिका है। जवाब तैयार करने से लेकर विभागों की पत्रावलियों को तैयार कर सदन तक पहुंचाने का काम कार्मिकों का ही है। बावजूद इसके सरकार यह मान रही है कि बजट सत्र में इसका बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा। साथ ही सरकार एहतियात भी बरत रही है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इसके लिए बकायदा एक पत्र जारी किया है। इसमें कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का जिक्र करते हुए विभागीय अधिकारियों से सत्र के दौरान विभागीय सूचना उपलब्ध कराने के लिए सक्षम अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता बेनतीजा, कर्मचारी और सरकार आमने-सामने
कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की हितैषी है। कर्मचारियों से लगातार बातचीत की जा रही है। आगे भी बातचीत के दरवाजे खुले हैं। जहां तक बजट सत्र की बात है तो बजट सत्र के लिए सरकार की पूरी तैयारी है। बजट सत्र राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बजट सत्र में से ही सभी कर्मचारियों के वेतन व भत्तों पर निर्णय होता है। इस मामले का बातचीत के जरिये ही निकलेगा।
यह भी पढ़ें: शासनादेश के अध्ययन के बाद लेंगे फैसला, आंदोलन जारी रखना है या नहीं