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    शासनादेश के अध्ययन के बाद लेंगे फैसला, आंदोलन जारी रखना है या नहीं

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    Updated: Sat, 29 Feb 2020 06:41 PM (IST)

    आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने को उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच ने कर्मचारियों की बड़ी जीत बताया है।

    शासनादेश के अध्ययन के बाद लेंगे फैसला, आंदोलन जारी रखना है या नहीं

    देहरादून, जेएनएन। राज्य कर्मचारियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने को उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच ने कर्मचारियों की बड़ी जीत बताया है। लेकिन यह भी कहा है कि कार्मिकों को दवा-जांच आदि की निश्शुल्क सुविधा का शासनादेश देखने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि आंदोलन जारी रखना है या नहीं। 

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    समन्वय मंच की शुक्रवार को हुई बैठक में अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य कर्मियों को निश्शुल्क इलाज की सुविधा देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया गया, लेकिन मंच के प्रांतीय प्रवक्ता पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि समन्वय मंच इन मांगों को लेकर एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है। बीती 27 जनवरी को सचिवालय कूच भी किया गया था, जहा मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र पंवार ज्ञापन लेने आए थे और उन्होंने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जल्द सकारात्मक कदम उठाने को कहा था। इस दिशा में उनकी एक मांग मान तो ली गई है, लेकिन अभी हम शासनादेश का अध्ययन करने और अन्य मांगों पर सरकार कर रुख देखने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। 
    उन्होंने कहा कि हम यह देखना चाहेंगे कि कार्मिकों को दवा-जांच आदि सब निश्शुल्क रखा गया है या नहीं। समन्वय मंच ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार अन्य बिंदुओं पर भी जल्द ही शासनादेश जारी करे। बैठक में मुख्य संयोजक नवीन कांडपाल, सचिव संयोजक सुनील दत्त कोठारी, हरीश चंद्र नौटियाल, अजय बेलवाल, प्रताप सिंह पंवार, पंचम बिष्ट, रमेश रमोला, अनंत राम शर्मा, संदीप मौर्य, बनवारी सिंह रावत, विक्रम सिंह नेगी, रघुवीर सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह नेगी व अन्य मौजूद रहे।
    कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताई खुशी 
    राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कार्मिकों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ देने पर खुशी जताई है। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराने और सरकारी अस्पतालों से रेफरल व्यवस्था खत्म कराने का फैसला काफी अहम है। बैठक में नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, अरुण पांडे, चौधरी ओमवीर सिंह, गुड्डी मटूड़ा, आरएस बिष्ट, राकेश प्रसाद ममगाई, अनिल बांगा, विजया जोशी, बीएस नेगी, एनएस कुंद्रा, एसपी सेमवाल, जीएन सेमवाल, जीएल बड़ोनी, भूपाल सिंह, राजीव शुक्ला, प्रमोद भाटिया, आरएस पंवार और अन्य मौजूद रहे।

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