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उत्तराखंड में अब करियर काउंसलिंग ब्योरा नहीं दिया, तो नपेंगे प्राचार्य

सीएम डैशबोर्ड में परफॉरमेंस इंडीकेटर में शामिल कैरियर काउंसलिंग को लेकर उच्च शिक्षा महकमा अलर्ट हो गया है।

By Edited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 09:29 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 04:19 PM (IST)
उत्तराखंड में अब करियर काउंसलिंग ब्योरा नहीं दिया, तो नपेंगे प्राचार्य
उत्तराखंड में अब करियर काउंसलिंग ब्योरा नहीं दिया, तो नपेंगे प्राचार्य

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में परफॉर्मेंस इंडीकेटर में शामिल करियर काउंसलिंग को लेकर उच्च शिक्षा महकमा अलर्ट हो गया है। राज्य विश्वविद्यालयों में गठित करियर काउंसलिंग सेल से अब तक के परफॉर्मेंस का ब्योरा देने को कहा गया है। वहीं, इस मामले में सरकारी डिग्री कॉलेजों ने जानकारी देने में लापरवाही बरती तो प्राचार्यों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। 

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राज्य विश्वविद्यालय अपने छात्रों को रोजगार के अवसरों को मुहैया कराने को लेकर कितने सजग हैं, अब यह नियमित रूप से जाहिर होता रहेगा। विश्वविद्यालय सिर्फ करियर काउंसलिंग सेल गठित कर अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं कर सकेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम डैशबोर्ड में राज्य विश्वविद्यालयों और सरकारी डिग्री कॉलेजों में गठित करियर काउंसिल सेल के स्तर से रोजगार मुहैया कराने के मामले में किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी नियमित रूप से देने के निर्देश दिए हैं। 
इसे डैशबोर्ड में परफॉर्मेंस इंडीकेटर के तौर पर शामिल किया गया है। यानी करियर काउंसलिंग सेल के परफॉर्मेंस के आधार पर विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की रैंकिंग भी की जाएगी। मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद शासन ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों को आदेश जारी कर करियर काउंसलिंग सेल को सक्रिय करने को कहा है। जिन सरकारी कॉलेजों में इस सेल की प्रगति अच्छी है, उनके प्राचार्यो को बतौर उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद ब‌र्द्धन ने बताया कि राज्य विश्वविद्यालयों को भी करियर काउंसलिंग से संबंधित बिंदुओं पर कार्यवाही के अनुपालन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। 
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में सरकारी डिग्री कॉलेजों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के बारे में ब्योरा कॉलेजों को जुटाना होगा। इसकी जानकारी सीएम डैशबोर्ड में देनी होगी। ऐसा नहीं होने पर कॉलेजों के प्राचार्यो को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गए हैं। 
डिग्री कॉलेजों में सेमेस्टर खत्म
प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों में इसी सत्र से सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने के आदेश दिए हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों, दून विश्वविद्यालय के साथ ही श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में ही सेमेस्टर प्रणाली लागू रहेगी। विश्वविद्यालयों से संबद्ध सरकारी कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने के संबंध में उच्च शिक्षा संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल ने आदेश जारी किया है।
चार प्राचार्य इधर से उधर देहरादून 
सरकार ने चार सरकारी पीजी कॉलेजों में प्राचार्यों को इधर से उधर किया है। डॉ सतपाल साहनी को राजकीय पीजी कॉलेज, रायपुर, डॉ मामचंद को राजकीय पीजी कॉलेज जयहरीखाल, डॉ आरसी पुरोहित को राजकीय पीजी कॉलेज खटीमा और डॉ शशि पुरोहित को पीजी कॉलेज हल्द्वानी स्थानांतरित किया गया है।

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