उतराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय पर राजभवन और सरकार में ठनी
तकनीकी विश्वविद्यालय में नियमों की अनदेखी राजभवन को नागवार गुजर रही है। राजभवन और सरकार के बीच इस मामले में तनातनी की नौबत आ चुकी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। तकनीकी विश्वविद्यालय में नियमों की अनदेखी राजभवन को नागवार गुजर रही है। राजभवन और सरकार के बीच इस मामले में तनातनी की नौबत आ चुकी है। कुलपति प्रो नरेंद्र एस तोमर की आपत्ति के बाद राज्यपाल ने कुलसचिव डॉ अनीता रावत की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर एक महीने के भीतर नई नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। उधर, अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा ओमप्रकाश ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते राजभवन के आदेश अभी तक सरकार को नहीं मिले हैं।
तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव के बीच विवाद का पटाक्षेप होने के आसार हैं। हालांकि यह सबकुछ राजभवन के फैसले की वजह से मुमकिन हो पाया है। कुलपति प्रो तोमर ने विश्वविद्यालय के एक्ट व नियमों का हवाला देकर कुलसचिव पद पर डॉ अनीता रावत की प्रतिनियुक्ति पर आपत्ति करते हुए राजभवन को बीते माह प्रत्यावेदन दिया था। इस मामले में राजभवन ने बीती 14 फरवरी को तीनों पक्षकारों कुलपति, कुलसचिव और शासन के प्रतिनिधि को बुलाकर सुनवाई की।
इस सुनवाई के बाद राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य ने नौ पृष्ठ का लंबा-चौड़ा आदेश बीती पांच मार्च को जारी किया। आदेश में कहा गया कि कुलसचिव पद पर डॉ रावत की प्रतिनियुक्ति तकनीकी विश्वविद्यालय प्रथम विनियमावली-2018 लागू होने के बाद असंगत हो गई है। 31 अक्टूबर, 2018 को नियुक्ति अवधि एक वर्ष पूरी होने के बाद उसे बढ़ाने के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में उन्हें पद पर बनाए नहीं रखा जा सकता। वह शैक्षिक योग्यता बीटेक डिग्रीधारक नहीं हैं। राज्य सरकार को कुलसचिव पद से डॉ रावत को हटाते हुए आदेश प्राप्त होने की तारीख से एक महीने के भीतर अर्हताधारी नए कुलसचिव की नियुक्ति करने के आदेश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: कर्मचारियों की हड़ताल से उत्तराखंड में प्रभावित होंगी आवश्यक सेवाएं
तकनीकी विवि से जुड़े रहे ये विवाद
- पीएचडी में धांधली, अब विजिलेंस जांच के आदेश जारी करने की कार्यवाही गतिमान
- विवि में वित्तीय अनियमितताओं का ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
- विवि कार्यपरिषद की बैठक के अलग-अलग कार्यवृत्त जारी होने की जांच जारी
- तकनीकी विवि से संबद्ध कॉलेजों में निदेशकों समेत तमाम नियुक्तियों को लेकर होता रहा है विवाद