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उत्तराखंड को आर्थिक बोझ से उबारने को खनन पर टिकी सरकार की नजर

कोरोना से आर्थिकी को लगे झटके से उबरने के लिए राज्य सरकार की नजरें खनन पर टिकी हैं। इससे चालू वित्तीय वर्ष में 750 करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 12:28 PM (IST)
उत्तराखंड को आर्थिक बोझ से उबारने को खनन पर टिकी सरकार की नजर
उत्तराखंड को आर्थिक बोझ से उबारने को खनन पर टिकी सरकार की नजर

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। कोरोना से आर्थिकी को लगे झटके से उबरने के लिए राज्य सरकार की नजरें खनन पर टिकी हैं। आमदनी के लिहाज से भरपूर संभावना वाले इस क्षेत्र से अभी तक संतोषजनक राजस्व जुटाने में सरकार को कामयाबी नहीं मिली है। 

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एनजीटी, केंद्र सरकार और अदालत की ओर से पर्यावरणीय मामलों को लेकर लगाईं तमाम बंदिशें हटाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जोर लगाने जा रही है। इससे चालू वित्तीय वर्ष में 750 करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य है। 2022-23 तक खनन से सालाना आमदनी 900 करोड़ तक पहुंचाने पर काम किया जा रहा है।

कोरोना संकट की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था भी लॉकडाउन में है। पिछले डेढ़ माह में करों से होने वाली आमदनी घटकर सिर्फ 15 फीसद तक सिमट चुकी है। राज्य की कुल आमदनी में करों से होने वाली प्राप्ति 60 फीसद से ज्यादा है। कर राजस्व घटने का सीधा असर कर्ज बढ़ने के रूप में प्रदेश की जनता पर पड़ेगा। 

कोविड-19 महामारी से समाज का सभी तबका प्रभावित है, ऐसे में सरकार को तमाम क्षेत्रों को राहत देने के उपाय करने पड़ रहे हैं। इस वजह से हेल्थकेयर टैक्स के रूप में पेट्रोल, डीजल व शराब की कीमतें बढ़ाई जा चुकी हैं। सरकारी खजाने को इससे 350 करोड़ से ज्यादा मिलेंगे। 

इससे पहले सरकार सभी मंत्रियों व विधायकों के वेतन-भत्तों में 30 फीसद कटौती का निर्णय ले चुकी है। साथ ही कर्मचारियों के डीए को फ्रीज किया जा चुका है। इससे भी 350 करोड़ जुटाए जा सकेंगे। बावजूद सरकार के सामने बड़ी दिक्कत कर्मचारियों के वेतन-भत्ते और पेंशन, मानदेय के रूप में मासिक 1200 करोड़ के खर्च की पूर्ति है। 

लॉकडाउन-तीन में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से सरकार को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन इतने भरे से अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौटनी है। लिहाजा सरकार अब खनन से ज्यादा आमदनी जुटाने के लिए हाथ-पांव मार रही है। खनन से होने वाली आमदनी बढ़ाने में बड़ी दिक्कत एनजीटी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रलय के साथ ही अदालतों के आदेश हैं। 

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इन बाधाओं को दूर करने मुख्यमंत्री इस संबंध में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से मुलाकात करेंगे। साथ ही अदालतों में प्रभावी पैरवी करने का निर्णय लिया गया है। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि इस साल खनन से 750 करोड़ आमदनी का लक्ष्य रखा गया है।

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