Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नए साल से उत्तराखंड के कर्मियों को सातवें वेतन की सौगात

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 09 Dec 2016 05:02 AM (IST)

    प्रदेश के सरकारी कार्मिकों के लिए खुशखबर यह है कि सातवें वेतनमान का लाभ नए वर्ष से मिल जाएगा। सातवां वेतन समिति जल्द अपनी सिफारिश राज्य सरकार को सौंपने वाली है।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के सरकारी कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ नए वर्ष से ही मिल पाएगा। सातवां वेतन समिति अगले हफ्ते तक अपनी सिफारिश राज्य सरकार को सौंप सकती है। उम्मीद की जा रही है कि मंत्रिमंडल नए वर्ष के पहले महीने जनवरी से नया वेतन देने के बारे में फैसले पर मुहर लगाएगी। उधर, समिति कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने में आने वाले वित्तीय खर्च के आकलन में जुट गई है।
    छठे वेतन आयोग की विसंगतियां दूर करने और सातवां वेतन समिति की सिफारिशों पर तमाम कार्मिक संगठनों की निगाहें टिकी हुई हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तो समिति अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे से मुलाकात कर प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति की रिपोर्ट सरकार को जल्द सौंपने का अनुरोध कर चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें-उत्तराखंड: 461 पीटीए शिक्षकों को मिलेगी नियमित नियुक्ति
    वेतन समिति के समक्ष कुल 54 विभागों के 232 संवर्गों की वेतन विसंगति के प्रकरण प्रस्तुत किए जा चुके हैं। समिति अब इन विसंगतियों को दूर करने पर सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा, इसका आकलन किया जा रहा है।

    पढ़ें: उत्तराखंड की सौ करोड़ की देनदारी माफी से केंद्र का इन्कार
    समिति अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे के मुताबिक सातवें वेतनमान को लेकर रिपोर्ट अगले हफ्ते तक सरकार को सौंपी जाएगी। समिति अभी कई स्तरों पर आकलन में जुटी हुई है।

    पढ़ें: उत्तराखंड का प्रोमिसिंग सेक्टर है पॉवर सेक्टर: हरीश रावत
    गौरतलब है कि सातवां वेतनमान लागू होने पर वेतन-भत्तों और पेंशन पर सालाना करीब 2000 करोड़ तक खर्च बढऩा तय है। राज्य सरकार को सिर्फ वेतन मद और भत्तों की मद में सालाना 9500 करोड़ का बोझ उठाना पड़ रहा है।

    पढ़ें: हंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन मंगला माता को मिला उत्तराखंड रत्न
    सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन के रूप में सालाना 2500 करोड़ का खर्च है। कुल मिलाकर वेतन-भत्ते और पेंशन पर सालाना 12 हजार करोड़ खर्च की नौबत आ रही है। ऐसे में सातवां वेतनमान लागू होने के बाद यह राशि बढ़कर साढ़े 14 हजार करोड़ पहुंचने का अनुमान है। सरकारी खजाने पर बढ़ते बोझ को देखते हुए सरकार भी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है।
    पढ़ें-सीबीएस ब्रांच में खाता न होने पर रोकी 1.70 लाख की पेंशन