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    जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने आरक्षण के विरोध में लोगों के घरों पर दी दस्तक

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 15 Mar 2020 11:11 AM (IST)

    पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन कर रहे जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने जन जागरूकता अभियान शुरू कर दिया।

    जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने आरक्षण के विरोध में लोगों के घरों पर दी दस्तक

    देहरादून, जेएनएन। पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन कर रहे जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने जन जागरूकता अभियान शुरू कर दिया। इस क्रम में उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले कार्मिकों ने देहरादून समेत प्रदेश के तमाम जिलों में लोगों के घरों पर दस्तक दी। उनसे नौकरी और पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था खत्म कराने को आवाज बुलंद करने की अपील की गई।

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    जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे को आमजन की लड़ाई बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। अब इस मुद्दे पर आमजन को भी साथ लाने की कोशिश की जा रही है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा अब केवल जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों से जुड़ा नहीं रह गया है। इसको लेकर आम नागरिकों में भी गुस्सा है। उन्हें आंदोलन से जोड़ने के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत शनिवार को जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिक अपने आस-पड़ोस में रहने वाले परिवारों से मिले।

    उन्हें बताया कि कैसे पदोन्नति में आरक्षण से योग्य लोग पीछे छूट जा रहे हैं और जाति के आधार पर तमाम लोग योग्यता न होते हुए भी उच्च पदों पर आसीन हो रहे हैं। पूरे दिन चले जन जागरण कार्यक्रम में एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं, उच्चाधिकार प्राप्त संयोजक मंडल के संयोजक प्रताप सिंह पंवार, पंचम सिंह बिष्ट, पूर्णानंद नौटियाल, ठाकुर प्रहलाद सिंह, शक्ति प्रसाद भट्ट, चमन लाल असवाल, मुकेश बहुगुणा, सुनीता उनियाल, वीपी नौटियाल, डीएस सरियाल, शंकर दत्त, रीता कौल, अंनू बड़ोला, विक्रम सिंह रावत, अनिल प्रकाश उनियाल व अन्य कर्मचारी नेता शामिल रहे।

    दो और विधायक समर्थन में आए

    रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के जनरल-ओबीसी कार्मिकों के समर्थन में उतरने के बाद शनिवार को रुड़की विधायक प्रदीप बत्र और चंपावत विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने भी सीएम को पत्र लिखा है। वहीं, भाजपा की पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने सीएम को पत्र लिखकर कहा है कि जनरल-ओबीसी कार्मिकों की मांग जायज है। सरकार को इस पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि, कार्मिकों की हड़ताल से विभागों में कामकाज ठप पड़ा है और आम जनमानस भी परेशान है।

    समर्थन का सिलसिला जारी

    जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों की बेमियादी हड़ताल को अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा समेत कई अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित हितेश शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार एसोसिएशन की मांग को पूरा नहीं कर देती, तब तक हर कदम पर जनरल-ओबीसी कार्मिकों का साथ दिया जाएगा।

    रिवर्ट कराने को भी लड़ेंगे लड़ाई

    एसोसिएशन ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ चल रही लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक आरक्षण रूपी जिन्न का खात्मा नहीं हो जाता। प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था खत्म कराने के बाद वर्ष 1997 से आरक्षण के आधार पर पदोन्नति पाने वाले कार्मिकों को मूल पदों पर वापस भेजने की लड़ाई लड़ी जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

    हर रोज दो घंटे कार्य से विरत रहेंगे चिकित्सक

    एक तरफ सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित किया तो वहीं चिकित्सकों ने भी जनरल ओबीसी कार्मिकों की हड़ताल में शामिल होने का फैसला सुना दिया है। हालांकि, चिकित्सक अभी दो घंटे का ही कार्य बहिष्कार करेंगे, लेकिन आपात स्थिति में जब एक-एक पल कीमती होता है, उस समय दो घंटे तक चिकित्सकीय कार्य बाधित होने से आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है।

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    पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर शनिवार को पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय में डाक्टरों ने आपात बैठक की। यहां निर्णय लिया गया कि वह सभी पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ हैं। वह जनरल ओबीसी वर्ग के आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि कार्मिकों के समर्थन में वह भी रविवार से हर रोज सुबह आठ से दस बजे तक कार्य से विरत रहेंगे। बैठक में डॉ. एसएस सिंह, डॉ.जेपी नौटियाल, डॉ.प्रताप सिंह, डॉ.कुश ऐरन, डॉ.राहुल अवस्थी, डॉ.एनएस बिष्ट, डॉ.परमार्थ जोशी, डॉ.पीयूष त्रिपाठी, डॉ.चारू बहुगुणा, डॉ. प्रियंका गैरोला, डॉ.नमिता व अन्य मौजूद रहे।

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