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    पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में कर्मचारियों ने सरकार को ललकारा, निकाला मशाल जुलूस

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 13 Mar 2020 12:53 PM (IST)

    जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने मशाल जुलूस निकालकर कार्मिकों ने सरकार को ललकार लगाई। हड़तालियों ने सोमवार से आवश्यक सेवाएं पूर्ण रूप से हड़ताल में शामिल करने का अल्टीमेटम दिया है।

    पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में कर्मचारियों ने सरकार को ललकारा, निकाला मशाल जुलूस

    देहरादून, जेएनएन। जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने आंदोलन तेज कर दिया है। मशाल जुलूस निकालकर कार्मिकों ने सरकार को ललकार लगाई। हड़तालियों ने सोमवार से आवश्यक सेवाएं पूर्ण रूप से हड़ताल में शामिल करने का अल्टीमेटम दिया है।

    उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले कार्मिकों की हड़ताल जारी है। सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में हजारों कार्मिक धरने पर बैठे और सरकार पर निशाना साधते रहे। इसके बाद हड़ताली कार्मिकों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार को चेतावनी दी। 

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    एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव विरेंद्र सिंह गुसाईं की अगुआई में हजारों कार्मिक वेडिंग प्वाइंट से मशाल लेकर निकले और सचिवालय मुख्य गेट के बाहर से होते हुए नैनीज चौक, ग्लोब चौक, राजपुर रोड बहल चौक पहुंचे। यहां से जुलूस पुलिस मुख्यालय के समक्ष संपन्न हुआ। 

    अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार बार-बार हड़ताल समाप्त करने की अपील कर रही है, लेकिन मांगों पर अमल नहीं कर रही है। यहां तक कि कभी नो वर्क नो पे और निलंबन की धमकी देकर भी कार्मिकों के आंदोलन को समाप्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ भी कर ले अब जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिक पीछे नहीं हटेंगे। 

    कहा कि यह सामाजिक न्याय की लड़ाई है और इस लड़ाई में वे हर अंजाम के लिए तैयार हैं। महासचिव वीरेंद्र गुसाईं ने कहा कि सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो सोमवार से आवश्यक सेवाएं भी पूर्ण रूप से हड़ताल में शामिल कर दी जाएंगी। इस दौरान प्रताप सिंह पंवार, अरुण पांडे, राकेश जोशी, अंजू बडोला, वीके धस्माना, ओमवीर सिंह, राम सिंह चौहान, रेणु लांबा, हीरा सिंह बसेड़ा आदि ने भी विचार रखे।

    शराब लॉटरी का होगा बहिष्कार

    कार्मिकों ने सरकारी कार्यों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ऐसे में विभागों के अलावा भी अन्य कार्यों में लगने वाली ड्यूटी का भी बहिष्कार किया जा रहा है। एसोसिएशन के महासचिव ने बताया कि प्रदेश में जल्द शराब की लॉटरी होनी है, जिसमें कई कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन, कोई भी जनरल-ओबीसी कार्मिक इस कार्य को नहीं करेगा। बताया कि करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की लॉटरियां होनी हैं। ऐसे में सरकार को लॉटरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

    एससी-एसटी कार्मिकों ने भी निकाला जुलूस

    उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले एससी-एसटी वर्ग के कार्मिकों ने भी जुलूस निकालकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एससी-एसटी कार्मिक मुखर हैं। 

    एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के अध्यक्ष करमराम और अन्य पदाधिकारियों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक मशाल जुलूस निकाला। करमराम ने कहा कि जनरल-ओबीसी वर्ग के नेता दीपक जोशी ने उन्हें और उनके अन्य कार्मिकों को अपशब्द कहे। साथ ही जाति सूचक शब्दों से भी संबोधित किया। इस पर फेडरेशन लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। लेकिन, पुलिस प्रसाशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

    उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेशभर में कार्यालयों में ड्यूटी कर रहे एससी-एसटी वर्ग के कार्मिकों को धमकाया जा रहा है। जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा है। उन्होंने बताया कि अब 15 मार्च को बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया जाएगा। जिसमें दीपक जोशी और उनके साथियों की सद्बुद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की जाएगी। मशाल जुलूस में फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणवीर सिंह तोमर, महासचिव हीरा सिंह, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर, कोषाध्यक्ष मटन लाल, शिवलाल, गौतम आदि शामिल थे।

    सब रजिस्ट्रार कार्यालय से कार्मिकों को बाहर निकाला

    जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के सचल दस्ते ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय पर धावा बोला। यहां जनरल व ओबीसी वर्ग के लोगों को काम करते देख हड़ताली कर्मचारी भड़क उठे और उन्हें जबरन सीट से उठाकर बाहर निकाल दिया। वहीं, मौके की नजाकत को देखते हुए सब रजिस्ट्रार अवतार सिंह व बीएम डोभाल भी काम छोड़कर चुपचाप बाहर निकल आए।

    सुभाष रोड स्थित लॉर्ड वेंकटेश्वर वेडिंग प्वाइंट में धरने पर बैठे हड़ताली कार्मिकों को जैसे ही पता चला कि सब कचहरी परिसर स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय में कुछ कार्मिक रोजाना काम कर रहे हैं तो एक सचल दस्ता तत्काल वहां के लिए रवाना कर दिया गया। हड़ताली कार्मिकों के दल ने काम कर रहे कार्मिकों को बाहर निकालकर धरने में शामिल होने के आग्रह भी किया। हालांकि, कार्मिक ना-नुकुर करने लगे। 

    इस पर हड़ताल कार्मिक भड़क उठे और सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कार्मिकों को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद कुछ कार्मिक कहने लगे कि वह थोड़ी देर में आ जाएंगे, मगर हड़ताली कार्मिक नहीं माने। इससे विवाद की भी नौबत खड़ी हो गई थी। हालांकि, बाद में सभी कार्मिकों को वेडिंग प्वाइंट लॉर्ड वेंकटेश्वर के लिए रवाना करा दिया गया। इसके अलावा सचल दस्ते में कोषागार निदेशालय, स्टेट जीएसटी के गढ़वाल मुख्यालय, पेयजल मुख्यालय में काम कर रहे कार्मिकों को बाहर निकालकर धरने में शामिल कराया।

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    नहीं हुई रजिस्ट्री, रोजाना ग्राफ रहता है 200

    हड़ताली कार्मिक उस समय सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिल हुए, जब कामकाज शुरू ही किया जा रहा था। इसके बाद कोई भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं बैठा और शाम तक कोई रजिस्ट्री नहीं की गई। कचहरी परिसर स्थित चारों सब रजिस्ट्रार कार्यालय (सदर क्षेत्र) का आंकड़ा देखें तो यहां रोजाना करीब 200 रजिस्ट्री की जाती हैं। लिहाजा, जब तक हड़ताल समाप्त नहीं होती, तब तक इसी तरह के हालात बनने के आसार हैं।

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