अच्छा खिलाड़ी वही, जो हार-जीत समान भाव से स्वीकारे: महेश भूपति
भारतीय डेविस कप टीम के कप्तान एवं अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने कहा कि खेल जीवन के उतार-चढ़ावों को सहना सिखाता है।
देहरादून, [जेएनएन]: भारतीय डेविस कप टीम के कप्तान एवं अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने कहा कि खेल जीवन के उतार-चढ़ावों को सहना सिखाता है। एक सच्चा एवं अच्छा खिलाड़ी वही है, जो जीत-हार को समान भाव से स्वीकार करता है। वह जानता है कि हार का मतलब गम में डूब जाना और जीत का मतलब जमीन छोड़ देना नहीं है। एक तरह से खेल संपूर्ण जीवन दर्शन है।
टेनिस स्टार महेश भूपति और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ खिलाड़ी अमनदीप जोहल शनिवार को सेलाकुई इंटरनेशनल स्कूल में गोल्फ अकादमी के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि खेलों के प्रति हमने अपना नजरिया बदला है।
जिस तरह क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर गली- मोहल्लों तक पहुंच गया, उसी तरह गोल्फ व टेनिस को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हमने इन खेलों को चुना। इन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला।
कहा कि हर बच्चे का सपना होता है कि वह राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करे। लेकिन, ऐसा तभी संभव है, जब खेलों के प्रति रुझान के साथ ही उनके अनुरूप कड़ी मेहनत भी हो।
जरूरी नहीं कि किसी बड़े खानदान का बच्चा ही आगे निकलेगा। गरीब परिवार के बेटा-बेटी भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं। बस, इसके लिए उनमें जुनून होना चाहिए। टेनिस स्टार भूपति ने कहा कि कहा कि परिजन उनसे अच्छी पढ़ाई की उम्मीद करते थे, लेकिन उनका मन खेल में ज्यादा था। इसलिए उन्होंने पढ़ाई और खेल, दोनों पर समान रूप से ध्यान दिया। इससे पूर्व महेश भूपति व अमनदीप जोहल ने बच्चों के बीच अपने अनुभव भी साझा किए।
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