उत्तराखंड में चुनाव की तैयारी में जुटी ग्राम पंचायतों पर धनवर्षा
बजट का सदुपयोग करने वाली ग्राम पंचायतों के लिए खुशखबरी। केंद्र से मिलने वाली परफॉरमेंस ग्रांट की 21.58 करोड़ की राशि पात्र ग्राम पंचायतों के लिए जारी कर दी गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। बजट का सदुपयोग करने वाली ग्राम पंचायतों के लिए खुशखबरी। केंद्र से मिलने वाली परफॉरमेंस ग्रांट की 21.58 करोड़ की राशि पात्र ग्राम पंचायतों के लिए जारी कर दी गई है। वित्त सचिव अमित नेगी ने निदेशक पंचायती राज को 15 दिन के भीतर उक्त धनराशि पंचायतों के खाते में आवंटित करने के आदेश दिए हैं।
पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ऐन पहले ग्राम पंचायतों पर धनवर्षा हो गई है। हालांकि कार्यकाल पूरा कर चुकी ग्राम पंचायतों के बजाय अब नई चुनी जाने वाली ग्राम पंचायतें ही इस राशि का लाभ उठा सकेंगी। केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायतों में प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने के लिए परफॉरमेंस बजट को प्रभावी किया है। जो ग्राम पंचायतें सालभर में मिलने वाले बजट का सदुपयोग और वित्तीय ऑडिट की परीक्षा में पास हो जाती हैं, उन्हें परफॉरमेंस बजट मिलने का रास्ता साफ हो जाता है।
14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के क्रम में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए केंद्र सरकार की ओर से उक्त ग्रांट जारी की गई है। इसे पात्र ग्राम पंचायतों को आवंटित किया जाएगा। वित्त सचिव ने निदेशक पंचायती राज को हिदायत दी कि वह उक्त धनराशि अपने स्तर पर रोक नहीं सकेंगे। इस धनराशि को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक 15 दिन में पात्र ग्राम पंचायतों को जारी किया जाएगा।
अवमुक्त राशि से होंगे ये कार्य
अवमुक्त धनराशि से जल आपूर्ति, सीवरेज व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सेप्टेज प्रबंधन सहित स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसंपत्तियों का रख-रखाव, सड़कों, फुटपाथों, स्ट्रीट लाइट, कब्रिस्तानों व श्मशान घाटों का रख-रखाव संबंधी कार्य कराए जा सकते हैं।
जिला पंचायती राज अधिकारी अवमुक्त धनराशि खर्च करने के बाद ग्राम पंचायतों के उपयोगिता प्रमाणपत्र निदेशक पंचायती राज को भेजेंगे। वित्त विभाग ने उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने की तारीख 31 दिसंबर, 2019 तय की है।
आपदा ने ठिठकाए कदम, पंचायत आरक्षण अब 22 से
उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटी सरकार के कदम ठिठका दिए हैं। इस कड़ी में पंचायतों में स्थान व पदों के आरक्षण की समय सारिणी में फिर फेरबदल कर दिया गया है। अब यह प्रक्रिया 22 अगस्त की शाम को आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन के साथ शुरू होगी।
आरक्षण का निर्धारण होने के बाद इसकी सूचना 31 अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शासन ने 13 अगस्त को आरक्षण निर्धारण के मद्देनजर आदेश जारी किया। इसमें ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत में पदों के लिए आरक्षण का फार्मूला सुझाते हुए हरिद्वार को छोड़ सभी जिलों के डीएम को भेजा गया।
इसके तहत आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 17 अगस्त को होना था। इस बीच जिलों से इसके लिए समय कम मिलने की जानकारी सामने आने के बाद शासन ने 17 अगस्त को आरक्षण के लिए निर्धारित समय सारिणी में संशोधन कर दिया था। तब 20 अगस्त को आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन की तिथि रखी गई।
इस बीच उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र में आपदा आ गई। मशीनरी वहां बचाव एवं राहत कार्यां में जुटी है। इसे देखते हुए अब पुन: पंचायत आरक्षण की समय सारिणी में फेरबदल किया गया गया है। सचिव पंचायती राज डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने इस सिलसिले में आदेश भी जारी कर दिए।
अब ये तिथियां की गईं हैं निर्धारित
नई सारिणी के मुताबिक अब 22 अगस्त की शाम पांच बजे के बाद आरक्षण प्रस्तावों का अनंतिम प्रकाशन होगा। 24 व 26 अगस्त को आरक्षण प्रस्तावों पर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी और 27 व 28 अगस्त को जिलाधिकारी इनका निस्तारण करेंगे। 29 अगस्त को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन होगा। 30 अगस्त को ये प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध कराए जाएंगे। 31 अगस्त को पंचायतीराज निदेशालय की ओर से शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण प्रस्ताव भेजे जाएंगे।
मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्यक्रम एक सितंबर से
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तराखंड में भी फोटोयुक्त मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम एक सितंबर से शुरू होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सत्यापन कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक करने और भावी मतदाताओं के बारे में जानकारी देने के लिए सहयोग की अपील की।
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सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा एक जनवरी 2020 तक अर्हता तिथि के आधार पर मतदाता सूची तैयार करने के लिए विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम एक सितंबर से शुरू होकर 15 जनवरी 2020 तक चलाया जाएगा।
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इसके तहत घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करने के साथ ही नए मतदाताओं के नाम भी इसमें जोड़े जाएंगे। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपेक्षा की कि वह अपने जिला स्तरीय पदाधिकारियों को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी व निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों तथा बीएलओ से नियमित संपर्क करते हुए मतदाता सूची को बनाने में सहयोग करने के लिए निर्देशित करें।
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