राज्य कर्मियों को सातवां वेतन, एक जनवरी से देय होगा नया वेतनमान
हरीश रावत सरकार ने राज्य कर्मचारियों को तोहफा देते हुए सातवें वेतनमान पर मुहर लगा ली। एक जनवरी 2017 से नया वेतनमान मिलेगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया है। यह एक जनवरी 2017 से देय होगा। एरियर भुगतान पर भी सहमति बन गई है। प्रदेश के ढाई लाख सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स को सरकार ने खासी राहत दी है। सरकार ने इन सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए यू-हेल्थ कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत एक सोसायटी का गठन किया जाएगा, जो इस योजना का क्रियान्वयन करेगी।
देर रात सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट के फैसलों में आगामी विधानसभा चुनाव की छाप साफ नजर आ रही है। कैबिनेट द्वारा कर्मचारियों व पेंशनर्स को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यू-हेल्थ कार्ड को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है।
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यह योजना अभी तक वैकल्पिक तौर पर लागू थी। यू-हेल्थ कार्ड के लिए कर्मचारियों के मूल वेतन का 0.5 प्रतिशत से लेकर एक प्रतिशत तक की राशि प्रीमियम के रूप में निर्धारित की जाएगी। बैठक में राज्य खाद्य योजना पर भी मंथन हुआ। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश को प्रति व्यक्ति के हिसाब से पांच किलो गेहूं आवंटित होता था। केंद्र ने यह कोटा बंद कर दिया था।
इस बार केंद्र गेहूं की कमी का हवाला देते हुए इसके स्थान पर गेहूं के बराबर ही 5669 मीट्रिक टन चावल भेज दिया। इस पर कैबिनेट में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि गेहूं का आवंटन पूर्ववत रखने के लिए केंद्र से अनुरोध किया जाएगा।
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री व खाद्य मंत्री को चावल के कोटे का क्रियान्वयन करने के लिए अधिकृत किया गया। कैबिनेट ने वद्धावस्था पेंशन भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 75-90 वर्ष की आयु तक के वृद्धों की पेंशन में 100 रुपये, 90 से 100 वर्ष आयु के वृद्धों की पेंशन 200 रुपये और 100 वर्ष से अधिक की आयु के वृद्धों की पेंशन में 500 रुपये की वृद्धि की गई है।
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बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रखने पर भी चर्चा हुई। इसके तहत अभी विभाग में दो हजार पद हैं। इनके सापेक्ष 1200 कर्मी तैनात हैं। निर्णय लिया गया कि यदि केंद्र इस योजना को बंद करती है तो सरकार इन्हें वर्क प्रोटेक्शन देगी।
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बैठक में बताया गया कि पुनर्वास नीति में संशोधन के लिए कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार और दिनेश धनै की अध्यक्षता में बनी उप समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कैबिनेट ने इस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत को अधिकृत किया है।
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यह भी निर्णय लिया गया कि इस नीति में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र से अनुरोध किया जाएगा। निदेशक टीएचडीसी और निदेशक पुनर्वास की ओर से विस्थापितों की समस्याओं के लिए समाधान करने के लिए दी गई संस्तुतियों पर निर्णय लेने के लिए भी मुख्यमंत्री हरीश रावत को अधिकृत किया गया।
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