रिश्वतखोर आयकर अधिकारी को चार साल की कैद
25 अगस्त 2010 को अपने कार्यालय में रिश्वत लेते धरे गए आयकर अधिकारी को सीबीआइ की स्पेशल जज शादाब बानो की अदालत ने चार साल कैद की सजा सुनाई है।
देहरादून, [जेएनएन]: 25 अगस्त 2010 को अपने कार्यालय में रिश्वत लेते धरे गए आयकर अधिकारी को सीबीआइ की स्पेशल जज शादाब बानो की अदालत ने चार साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। दोषी अधिकारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक देहरादून में तैनात आयकर अधिकारी राज बहादुर सिंह निवासी के-3311 शास्त्रीनगर मेरठ (उप्र) ने अगस्त 2010 में विकासनगर के शनि धाम मंदिर के संरक्षक डॉ. विनायक बड़ोनी को एक नोटिस भेजा था। बगैर पत्रांक संख्या और डिस्पैच नंबर के इस नोटिस में बडोनी से शनि धाम की आय समेत कई जानकारियां मांगी गई थीं।
बड़ोनी ने योजना के तहत राज बहादुर से मिलकर मामला रफा-दफा कराने को कहा तो उसने पांच लाख रुपये की रिश्वत मांग ली। कई चरण की बातचीत के बाद दोनों में दो लाख रुपये पर सहमति बनी। बडोनी ने इतनी धनराशि एक साथ देने में असमर्थता जताई तो आयकर अधिकारी ने 50-50 हजार की किस्तों में रुपये देने को कहा। रिश्वत की पहली किस्त देने के लिए 25 अगस्त 2010 की तिथि तय हुई।
राज बहादुर ने बडोनी को रकम के साथ अपने कार्यालय बुलाया। इसी बीच 24 अगस्त को बडोनी ने इसकी शिकायत सीबीआइ से कर दी। जिसके बाद सीबीआइ ने आयकर अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप तैयार किया और अगले दिन उसे आयकर कार्यालय में रिश्वत लेते दबोच लिया गया।
सीबीआइ ने एक साल की विवेचना के बाद एक सितंबर 2011 को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 11 और बचाव पक्ष ने तीन गवाह पेश किए। आयकर अधिकारी ने अपने बचाव में खुद गवाही दी, लेकिन आरोपों को गलत साबित करने के संबंध में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। स्पेशल जज सीबीआइ शादाब बानो की अदालत ने आयकर अधिकारी को दोषी मानते हुए शुक्रवार सजा सुनाई।
छापे में घर से मिले थे असलहे
दोषी आयकर अधिकारी राज बहादुर की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं। राज बहादुर की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ ने उसके लक्ष्मी रोड, आयकर कॉलोनी स्थित फ्लैट में छापा मारा था। जहां से एक दो-नाली बंदूक, तीन तमंचे और 32 कारतूस मिले थे। इस मामले में राज बहादुर पर डालनवाला कोतवाली में आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी अदालत में सुनवाई चल रही है।
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