उत्तराखंड में 83 स्थानों पर सुलग रहे जंगल, बुझाने को वन विभाग ने झोंकी ताकत
प्रदेश में अब भी 83 स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं। इस बीच बीते 24 घंटे में 100 स्थानों में आग पर काबू पा लिया गया है।
देहरादून, जेएनएन। पारे की उछाल के बीच तप रहे पहाड़ों में जंगल की आग ने तपिश को और बढ़ा दिया है। पहाड़ों आग के कारण धुआं और धुंध जनजीवन पर भी असर डाल रहा है। प्रदेश में अब भी 83 स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं। इस बीच बीते 24 घंटे में 100 स्थानों में आग पर काबू पा लिया गया है।
विकराल होती आग से निपटने के लिए वन विभाग ने 408 कर्मचारी और बढ़ा दिए हैं। वर्तमान में 8208 कार्मिक वनाग्नि से जूझ रहे हैं। वहीं करीब तीन हजार ग्रामीण भी वन विभाग की मदद कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने-वाले दिनों में अधिकतम तापमान तीन से छह डिग्री अधिक रह सकता है। मौसम की चेतावनी ने वन विभाग की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। हालात से निपटने के लिए हाई अलर्ट घोषित कर चुके विभाग ने कार्मिकों की बड़ी तादाद आग पर काबू करने के लिए उतार दी है। इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग के साथ अन्य महकमों की मदद भी ली जा रही है।
आग से सर्वाधिक प्रभावित कुमाऊं का अल्मोड़ा जिला है। यहां फायर सीजन (15 फरवरी से) से अब तक 340 घटनाएं हो चुकी हैं, वहीं नैनीताल में यह आंकड़ा 301 और पौड़ी में 183 है। समूचे प्रदेश में अब तक 2104 हेेक्टेयर वन भूमि राख हो चुकी है। कुमाऊं में यह आंकड़ा 1359 हेक्टयर है, जबकि गढ़वाल में 620 और रिजर्व फोरेस्ट में 124 हेक्टयेर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
नोडल अधिकारी (वनाग्नि) प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि आग से निबटने के लिए टीम बढ़ाई गई है। 55 टैंकर भी इस कार्य में लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फायर वाचर की संख्या में भी वृद्धि कर दी गई है। बढ़ते तापमान देखते हुए एहतियातन जंगल में गश्त भी तेज की जा रही है।
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