Move to Jagran APP

उत्तराखंड में फायर सीजन से निपटने को वन विभाग अलर्ट, फील्डकर्मियों की छुट्टियां रद

उत्तराखंड में फायर सीजन में जंगलों के धधकने से निबटने को वन महकमे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी कड़ी में विभाग के फील्डकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:02 PM (IST)
उत्तराखंड में फायर सीजन से निपटने को वन विभाग अलर्ट, फील्डकर्मियों की छुट्टियां रद

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मौसम भले ही अभी साथ दे रहा, लेकिन आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने पर जंगलों के धधकने की चिंता तो सताए ही जा रही है। आखिर, प्रदेशभर में 37.83 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा जो है। हालांकि, इससे निबटने को वन महकमे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी कड़ी में विभाग के फील्डकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। उन्हें केवल अपरिहार्य स्थिति में छुट्टी मिलेगी।

loksabha election banner

उत्तराखंड में प्रतिवर्ष फायर सीजन (15 फरवरी से मानसून आने तक) बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ जाती है। बीते एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल औसतन करीब दो हजार हेक्टेयर जंगल आग से झुलसता है। हालांकि, इस मर्तबा अभी तक इंद्रदेव की कृपा बनी हुई है।

इस बार नियमित अंतराल में हो रही वर्षा-बर्फबारी के चलते जंगलों में ठीकठाक नमी बरकरार है। बावजूद इसके, आने वाले दिनों में तापमान के उछाल भरने के मद्देनजर चिंता अपनी जगह बनी हुई है। गर्मी बढ़ने पर ही जंगल ज्यादा सुलगते हैं।

इस बीच फायर सीजन के सिलसिले में विभाग ने अध्ययन कराया तो बात सामने आई कि 53.48 लाख हेक्टेयर भूभाग वाले उत्तराखंड में 37.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जंगलों की आग के लिहाज से संवेदनशील है। इसके मद्देनजर ही वन महकमे ने अपनी तैयारियां की हैं। 

नोडल अधिकारी (वनाग्नि) वीके गांगटे बताते हैं कि प्रदेशभर में 40 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। निगरानी को 175 वॉच टावर बनाए गए हैं, जबकि 1437 कू्र-स्टेशनों में भी 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती रहेगी। गांगटे के अनुसार भारतीय वन सर्वेक्षण से मिलने वाले फायर अलर्ट की सूचना बीट तक पहुंचाने को वायरलेस नेटवर्क सशक्त किया गया है। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के जंगल में आग बुझाने को दुबई में सीखेंगे कृत्रिम बारिश कराना

उन्होंने बताया कि फायर सीजन में विभाग के फील्डकर्मियों की छुट्टियां रद की गई हैं। हालांकि, वर्तमान में वर्षा-बर्फबारी को देखते हुए जंगलों को आग का खतरा न के बराबर है, मगर आने वाले दिनों में पारे की उछाल से चुनौती बढ़ेगी। ऐसे में अपरिहार्य स्थिति में ही छुट्टियां मंजूर की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पडऩे पर फायर सीजन के दरम्यान फायर वाचरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: जंगलों में फायर सीजन की उल्टी गिनती शुरू, तैयारियों में जुटा मकहमा; चुनौती बरकरार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.