दून से दिल्ली के लिए संचालित हो रही पांच डग्गामार बसें सीज Dehradun News
दून से दिल्ली जयपुर आगरा आदि शहरों के लिए दौड़ रही डग्गामार बसों में न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं बल्कि इनमें फर्जीवाड़ा भी जमकर हो रहा।
देहरादून, जेएनएन। दून से दिल्ली, जयपुर, आगरा आदि शहरों के लिए दौड़ रही डग्गामार बसों में न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, बल्कि इनमें फर्जीवाड़ा भी जमकर हो रहा। यह खुलासा उस वक्त हुआ, जब रोडवेज व पुलिस की संयुक्त टीम ने आइएसबीटी के बाहर से दिल्ली जा रही पांच डग्गामार बसों को सीज किया। बसों में परिवहन नियमों को ताक पर रख यात्रियों को ले जाया जा रहा था। इन बसों में न रजिस्टे्रशन से जुड़े दस्तावेज मिले, न ही फिटनेस या बीमे के। इनमें सीटों की संख्या भी निर्धारित मानकों से ज्यादा मिलीं।
दरअसल, इन दिनों देहरादून आइएसबीटी व इसके आसपास से संचालित होने वाली डग्गामार बसों की बढ़ती संख्या को लेकर रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने एसएसपी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर एसएसपी ने सीओ पटेलनगर को आदेश दिए। इसके बाद पुलिस व रोडवेज की टीम ने आइएसबीटी के बाहर से दिल्ली जा रही पांच एसी स्लीपर डग्गामार बसों को सीज किया। इनके यात्रियों को रोडवेज की बसों से भेजा गया।
सीटें भी ज्यादा, लंबाई ने तोड़े मानक
रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि नियमानुसार बस की लंबाई 12 मीटर तक होती है। चेकिंग में पकड़ी गई लक्ष्मी ट्रेवल्स की बस की लंबाई 15 मीटर मिली। यह बस दून में कैसे चल रही, सबसे बड़ी बात यही है। यही नहीं यह बस नियमों के तहत 38 सीट में पास होनी चाहिए, लेकिन बस में 48 सीटें मिलीं।
रद्द की बुकिंग
चेकिंग को देखते हुए दून से संचालित ज्यादातर डग्गामार स्लीपर व एसी बसों के संचालकों ने बुकिंग रद्द कर बसों को यहां-वहां छुपा दिया। बुकिंग रद्द होने से यात्रियों में मारामारी मच गई। स्थिति यह रही कि निजी संचालकों ने यात्रियों से लिया किराया भी वापस नहीं किया।
यात्री इधर से उधर दौड़ते रहे और रोडवेज अफसरों से बसों की व्यवस्था के लिए फोन करते रहे। बाद में रोडवेज की अतिरिक्त वाल्वो व एसी बसें आइएसबीटी पर लगाई गई व यात्रियों को इनसे भेजा गया।
किसके संरक्षण में चल रहीं से बसें
डग्गामार बसें खुलेआम आइएसबीटी के बाहर से संचालित होती हैं। इंटरनेट पर इन बसों के टिकट ऑनलाइन बुक होते हैं मगर न इनके विरुद्ध परिवहन विभाग कोई कदम उठाता, न पुलिस-प्रशासन। रोडवेज प्रबंधन की ओर से शासन स्तर तक यह शिकायत भेजी जा चुकी है। एक दफा मुख्य सचिव ने अवैध संचालन रोकने को आइएसबीटी चौकी पुलिस की जिम्मेदारी तय की थी पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सवाल ये उठ रहा कि खुलेआम ये बसें आखिर कैसे और किसके संरक्षण में दौड़ रहीं।
नहीं मिलेगा बीमा क्लेम
स्थिति ये है कि अगर ये बसें हादसे का शिकार हो जाएं तो यात्रियों को बीमा क्लेम तक नहीं मिलेगा। दरअसल, ये बसें बगैर रजिस्ट्रेशन, फिटनेस या बीमे के दौड़ रही हैं। ऊपर से फर्जीवाड़ा अलग।
ऑटो चालकों पर शिकंजा मजबूत करेगी पुलिस
ऑटो चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ठोस कदम उठाने जा रही है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इस कार्य को पुलिस कर्मियों के मूल दायित्व से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इस पर आदेश जारी करने से पूर्व बैठक के लिए एसपी व सीओ ट्रैफिक को बुलाया गया है।
बता दें कि दो दिन पूर्व सिटी बस, विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के मनमाना किराया वसूलने की आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने अपील की थी कि दिन हो या रात किसी भी समय यदि कोई चालक तय किराए से अधिक मांगता है तो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112 पर दें।
एसएसपी ने बताया कि इस जानकारी के सार्वजनिक होने के बाद से उन्हें लगातार आम नागरिकों के फोन आ रहे हैं। उनमें से कई ने कहा कि जितने किराए में वह दिल्ली से देहरादून आए, उससे कई गुना किराया उन्हें शहर में चंद किलोमीटर के लिए देना पड़ा। ऐसे में जाहिर है कि इससे तमाम लोग परेशान हैं। इस पर एसपी व सीओ ट्रैफिक को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आदेश जारी कर दिया जाएगा कि जिस भी पुलिस कर्मी के पास इस तरह की शिकायतें आती हैं वह तत्काल पर इस पर कार्रवाई करेंगे।
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युवतियों को होगी सुविधा
देहरादून में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं, जहां गैर प्रांतों की युवतियां पढ़ती हैं। रात के समय उनके देहरादून पहुंचने पर ऑटो चालक उन्हें गंतव्य तक छोडऩे के लिए मनमाना किराया मांगते हैं और वह उतना किराया देने को विवश होती हैं। एसएसपी के इस कदम से इन छात्राओं को काफी मदद मिलेगी।
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