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    कार्यशाला शिफ्ट करने को 20 करोड़ रुपये रोडवेज को ट्रांसफर Dehradun News

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 12 Nov 2019 02:51 PM (IST)

    हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला की जमीन को शहरी विकास विभाग को ट्रांसफर करने की कसरत में सरकार ने रोडवेज प्रबंधन को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं।

    कार्यशाला शिफ्ट करने को 20 करोड़ रुपये रोडवेज को ट्रांसफर Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। रोडवेज की हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला की जमीन को शहरी विकास विभाग को ट्रांसफर करने की कसरत में सरकार ने रोडवेज प्रबंधन को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत कार्यशाला की जमीन पर पूरे जिले के मुख्य दफ्तरों की ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कराने के लिए सरकार ने रोडवेज से जमीन ली है। रोडवेज कर्मचारी इसे लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को कार्यशाला पहुंचकर जमीन का सर्वे भी किया। 

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    रोडवेज के कर्मचारी संगठन कार्यशाला की जमीन ट्रांसफर करने से पहले देहरादून आइएसबीटी का स्वामित्व रोडवेज के नाम करने और नई कार्यशाला बनाने और शिफ्टिंग के खर्च की एवज में 100 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। बता दें कि एक नवंबर को स्मार्ट सिटी के तहत जिला स्तरीय सरकारी कार्यालय एक ग्रीन बिल्डिंग में शिफ्ट किए जाने की कवायद में सरकार ने रोडवेज की कार्यशाला की जमीन शहरी विकास विभाग को ट्रांसफर करने के आदेश दे दिए थे।

    इस बारे में परिवहन सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी आदेश में बताया गया था कि जमीन की प्रतिपूर्ति और कार्यशाला की शिफ्टिंग को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। जमीन ट्रांसफर के बाद प्रतिपूर्ति की राशि पर फैसला होगा। रोडवेजकर्मी इस फैसले के विरुद्ध हैं। वे प्रतिपूर्ति और शिफ्टिंग का फैसला जमीन ट्रांसफर करने से पूर्व लेने की मांग कर रहे हैं। रोडवेज के तीनों मुख्य कर्मचारी संगठन इस मामले में एक राय हैं। 

    इधर, सरकार ने कर्मचारी संगठनों की आपत्ति को दरकिनार कर सरकार ने जमीन पर सर्वे का काम शुरू करा दिया है। इसके साथ ही कार्यशाला ट्रांसपोर्टनगर शिफ्टिंग और नई कार्यशाला के निर्माण के लिए प्रारंभिक तौर पर रोडवेज के खाते में 20 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर कर दिए हैं। सरकार की मंशा है कि दिसंबर तक कार्यशाला की जमीन पूरी तरह खाली हो जाए, लेकिन सूत्रों की मानें तो रोडवेज प्रबंधन इतने कम समय पर राजी नहीं है।

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    प्रबंधन की मानें तो ट्रांसपोर्टनगर में नई कार्यशाला का ढांचा खड़ा करने में ही कम से कम छह माह का समय लगना तय है। दूसरी तरफ, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद और उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने मुख्य सचिव से मामले में दखल देने की मांग की है। 

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