परिचित के नाम से झांसा देकर ओएनजीसी के जीएम से ठगे 1.80 लाख Dehradun News
साइबर जालसाज ने परिचित का नाम लेकर ओएनजीसी के महाप्रबंधक से 1.80 लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाज ने उनके परिचित के वॉट्सएप नंबर को हैक कर उससे जीएम को कॉल किया था।
देहरादून, जेएनएन। साइबर जालसाज ने परिचित का नाम लेकर ओएनजीसी के महाप्रबंधक (रसायन) से 1.80 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोप यह भी है कि जालसाज ने उनके परिचित के वॉट्सएप नंबर को हैक कर उससे जीएम को कॉल किया था। यही वजह थी कि जीएम को इस बात का अहसास ही नहीं हो पाया कि उनसे झूठ बोला जा रहा है।
जीएम ने एसएसपी अरुण मोहन जोशी से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराते हुए तहरीर दी। एसएसपी ने एसओजी को जांच सौंपी है। विशेष नाथ पुष्कर महाप्रबंधक (रसायन) ने एसएसपी को बताया कि बीती पांच सितंबर को वह ऑफिस के काम से अहमदाबाद गए थे।
वहां सात सितंबर को उनके वॉट्सएप नंबर पर कॉल आई। फोन करने वाले शख्स ने कहा कि वह उनका दोस्त विनोद डिमरी बोल रहा है। वह इस समय सैन फ्रांसिस्को में है और उसकी बहन अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। उसका हार्ट का ऑपरेशन होना है, उसे पैसों की तत्काल जरूरत है।
उसकी बातों पर विश्वास कर उन्होंने अपने सहकर्मी उप अधीक्षक अभियंता आशीष शर्मा को रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस पर उन्होंने जालसाज के बताए अकाउंट में एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, उसके बाद फिर फोन आया कि एक लाख रुपये और भेज दे।
इस बार उन्होंने अपने भतीजे विजय पुष्कर से अस्सी हजार रुपये ट्रांसफर करा दिए। विशेष नाथ ने बताया कि इसके बाद जब उन्होंने उस नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो नंबर बंद आने लगा। शक होने पर कुछ परिचितों को अहमदाबाद में विनोद डिमरी के घर जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाने को कहा।
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विनोद डिमरी ने कहा कि उन्होंने किसी को फोन नहीं किया और न ही उनकी बहन का कोई ऑपरेशन होना है। इसके बाद उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। जीएम ने बताया कि इस प्रकरण में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री तमिलनाडु व एसएसपी चेन्नई को भी पत्र भेजा है।
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