Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड के लोगों को राहत, इस साल नहीं बढ़ेंगे बिजली के दाम

    By Edited By:
    Updated: Tue, 14 Aug 2018 09:16 AM (IST)

    इस साल बिजली दामों में इजाफा नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम की बिजली के रेट बढ़ाने की दलील को खारिज कर दिया।

    उत्तराखंड के लोगों को राहत, इस साल नहीं बढ़ेंगे बिजली के दाम

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के लोगों के लिए राहतभरी खबर है। इस साल बिजली दामों में इजाफा नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें दरों में 7.31 फीसद बढ़ोतरी की मांग की गई थी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निगम ने 439 करोड़ रुपये की क्षति का हवाला देते हुए इसकी भरपाई बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में करने की तैयारी शुरू कर दी थी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने ऊर्जा निगम की दलीलों की बिंदुवार सुनवाई की और पाया कि अधिकारी अपनी व्यवस्था में सुधार लाने की जगह उसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालना चाहते हैं। 

    आयोग अध्यक्ष ने पाया कि निगम प्रबंधन न सिर्फ लाइन लॉस कम करने में नाकाम रहा है, बल्कि बकाया वसूली को लेकर भी शिथिलता बरती जा रही है। दूसरी तरफ बिजली खरीद, शासन की देनदारी, ऊजीकृत के कार्यों में भी गलत तथ्य पेश कर अनावश्यक रूप से उसकी भरपाई करने का प्रयास किया जा रहा है। 

    आयोग ने जब 439 करोड़ रुपये के घाटे का पूरा विवरण खंगाला तो एक-एक कर निगम की दलीलें निराधार साबित होने लगी। आयोग सचिव नीरज सती के अनुसार, अंत में निर्णय लिया गया कि निगम को बिजली की दरों में इस वित्तीय वर्ष में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का अधिकार नहीं है। 

    लाइन लॉस

    नियामक आयोग ने इस वित्तीय वर्ष में 14.50 फीसद लाइन लॉस की अनुमति दी थी, जबकि निगम का लॉस 15.50 आ रहा है। वर्ष 2016-17 में भी लॉस 1.68 फीसद अधिक था और 2017-18 में यह 14.75 की जगह 16 फीसद रहा। इस तरह 175 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करने का तर्क खारिज कर दिया गया। 

    ओवरड्रॉ से 14.34 करोड़ का घाटा 

    ऊर्जा निगम ने कहा कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने के लिए ग्रिड से ओवरड्रॉ किया गया, जबकि इसकी अनुमति निगम को नहीं थी। लिहाजा, निगम पर 14.34 करोड़ की पेनल्टी लगी और इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की तैयारी थी। 

    बैंक के 24.46 करोड़ का ब्याज भी उपभोक्ताओं के सिर 

    ऊर्जा निगम ने कहा कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने के लिए विभिन्न कंपनियों से बिजली खरीदी गई और उसका त्वरित भुगतान कर छूट प्राप्त करने के लिए बैंकों से ऋण लिया गया। इस तरह 24.46 करोड़ रुपये का खर्च भी टैरिफ में जोड़ा जा रहा था। 

    ऊर्जीकृत कार्यों का नहीं लिया प्रमाण पत्र 

    ऊर्जा निगम ने ऊजीकृत के विभिन्न कार्यों में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर का प्रमाण पत्र लिया ही नहीं लिया गया। इस तरह 18.37 करोड़ रुपये के घाटे को समायोजित करने की मांग की गई थी। इसको भी आयोग ने खारिज कर दिया। समायोजन की नहीं मिली अनुमति निगम ने शासन व केंद्रीय परियोजनाओं के नाम पर 260 करोड़ रुपये का समायोजन पिछली दफा करा लिया था। जबकि निगम का कहना था कि एकमुश्त समायोजन की जगह यह पांच किश्तों में होना चाहिए। यह मांग भी आयोग ने निरस्त कर दी।

    यह भा पढ़ें: मुफ्त बिजली कनेक्शन को अक्टूबर तक कर सकते हैं आवेदन

    यह भी पढ़ें: ग्लोगी परियोजना के बंद होने से दून में बढ़ा बिजली का संकट 

    यह भी पढ़ें: सिल्ट ने थामी टरबाइनों की रफ्तार, उपभोक्ताओं पर बिजली कटौती की मार

    comedy show banner
    comedy show banner