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Lockdown 4.0 Rishikesh: बिना अनुमति दौड़ रहे ई रिक्शा, शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन

तीर्थनगरी में जिस तरह लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन हो रहा है उससे तो यहीं लगता है कि यहां सब ‘अपनी मर्जी अपना राग’ की तर्ज पर चल रहा है। यहां बगैर अनुमति के ई रिक्शा दौड़ रहे हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 12:14 PM (IST)
Lockdown 4.0 Rishikesh: बिना अनुमति दौड़ रहे ई रिक्शा, शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन
Lockdown 4.0 Rishikesh: बिना अनुमति दौड़ रहे ई रिक्शा, शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन

ऋषिकेश, जेएनएन। लॉकडाउन 4.0 शुरू होने के साथ ही लोगों के लिए प्रशासन ने कुछ और छूट भी जारी की है। इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना संक्रमण थम गया है। इसके बावजूद तीर्थनगरी में जिस तरह लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन हो रहा है, उससे तो यहीं लगता है कि यहां सब ‘अपनी मर्जी अपना राग’ की तर्ज पर चल रहा है।

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लॉकडाउन चार में भी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों के संचालन पर फिलहाल प्रतिबंध है। इसके बावजूद तीर्थनगरी के कुछ क्षेत्रों में ई-रिक्शा बिना अनुमति के दौड़ रहे हैं। ऐसे में जहां कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है, वहीं प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सौ के पार पहुंच चुका है। जो जिले अभी तक ग्रीन जोन में थे, वहां भी कोरोना संक्रमण ने अपने पैर पसार दिए हैं। 

दूसरी और लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो गया है। अभी भी आवश्यक सेवाओं और प्रवासियों के लिए विशेष सेवाओं के अलावा सार्वजनिक परिवहन को संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। लॉकडाउन के नियमों के विपरित ऋषिकेश शहर में धड़ल्ले से ई-रिक्शा सवारियों को ढो रहे हैं। यह ई-रिक्शा कालेज तिराहे से एम्स व विस्थापित क्षेत्र सहित शहर के लिए संचालित हो रहे हैं।  कई ई-रिक्शा और मालवाहक वाहन सामान ढोने की आड़ में सवारियों को ढो रहे हैं। इस तरह की लापरवाही कोरोना संक्रमण में भारी पड़ सकती है लेकिन जिम्मेदार निष्क्रिय बने हुए हैं।

सुबह से शहर में बढ़ रही भीड़

लॉकडाउन में मिली राहत कहीं समाज के लिए आफत न बन जाए, यह चिंता सड़कों पर बढ़ रही भीड़ को देखकर सता रही है। इन दिनों सुबह से ही भीड़ और सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ रहा है। लोग छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दुपहिया और चौपहिया वाहनों से बाजार पहुंच रहे हैं। यह स्थिति तब है, जबकि कोरोना के नए-नए मामले प्रत्येक दिन सामने आ रहे हैं। 

ऋषिकेश क्षेत्र में ही कोरोना के कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें एम्स के अलावा चार मामले सिविल सोसाइटी के बीच के हैं। बावजूद इसके शहर में बढ़ रही भीड़-भाड़ और सड़कों पर बढ़ रहा ट्रैफिक सभी के लिए चिंता का विषय है।

फिजिकल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग को जरूरी माना गया है। मगर, ऋषिकेश शहर में कई जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। कई जगह दुकानों और सब्जी मंडी में फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। दुकानदारों ने दुकान के बाहर रस्सियां बांधकर इतिश्री कर दी हैं, जबकि रस्सी के बाहर लोग एक-दूसरे से चिपककर खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। 

सब्जी मंडी में बकायदा फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए राउंड सर्किल बनाए गए हैं, मगर कई लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं। यही नहीं कई लोग तो बिना मास्क के ही शहर में घूमते नजर आ रहे हैं।

डाकघर में खाते खुलवाने को उमड़ी भीड़ 

डोईवाला के डाकघर में खाते खुलवाने के लिए भीड़ बढ़ रही है। यहां पर शारीरिक दूरी के नियम को पालन भी नहीं हो रहा है। ऐसी लापरवाही कोरोना संक्रमण में भारी पड़ सकती है।

मिस्सरवाला स्थित डाकघर में रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रमिक खाता खुलने पहुंच रहे हैं। भीड़ बढ़ने के कारण डाकघर में फिजिकल डिस्टेंस का पालन भी नहीं हो रहा है। डाकघर के पोस्टमास्टर कृष्ण गोपाल ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के लोग डाकखाने में खाते खुलने आ रहे हैं। 

इन लोगों का कहना हैं कि सरकार इस खाते में पैसा डालेगी। इसलिए खाता खुलवाया जा रहा है। डाकघर कर्मियों ने कहा कि कई बार इन लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने को कहा जाता है, लेकिन लोग मानते ही नहीं। इसलिए अब खाता खोलने वाले उपभोक्ताओं को टोकन दिया जा रहा है, जिससे वह अपने नंबर पर ही आए। अनावश्यक भीड़ न लगाए। 

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वहीं स्थानीय युवक पारस और वरुण ने बताया कि उनके घर को जाने वाले रास्ते में अव्यवस्थित तरीके से यह लोग वाहन खड़ा कर देते हैं। जिससे उन्हें आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस से इस संबंध में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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