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बारिश व बर्फबारी के कारण आसन वेटलैंड में परिंदों की संख्या बढ़कर पहुंची साढ़े तीन हजार

देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में परिंदों की 30 प्रजातियों के परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बन चुके हैं। बारिश व बर्फबारी होने के चलते मौसम ज्यादा अनुकूल होने की वजह से परिंदों की संख्या में ज्यादा इजाफा हुआ है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 04:42 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 10:43 PM (IST)
बारिश व बर्फबारी के कारण आसन वेटलैंड में परिंदों की संख्या बढ़कर पहुंची साढ़े तीन हजार
वर्तमान में यहां परिंदे पहुंचने से झील में कलरव बढ़ गया है।

विकासनगर,जेएनएन। देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में परिंदों की 30 प्रजातियों के परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बन चुके हैं। बारिश व बर्फबारी होने के चलते मौसम ज्यादा अनुकूल होने की वजह से परिंदों की संख्या में ज्यादा इजाफा हुआ है, वर्तमान में यहां पर करीब साढे तीन हजार के करीब परिंदे पहुंचने से झील में कलरव बढ़ गया है।

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विदेशी व लोकल प्रजातियों के परिंदों की वजह से झील में रौनक बढने पर पर्यटक बर्ड वाचिंग व्यू, बोटिंग आदि के माध्यम से परिंदों का दीदार कर रहे हैं। बता दें कि देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड को हाल ही में रामसर साइट पर स्थान मिला है। उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड की अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ गयी है, जिसके चलते इस बार प्रवासी परिंदों के प्रवास का महत्व और बढ़ गया है। आसन वेटलैंड में सात अक्टूबर से विदेशी परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बनने शुरू हो गए थे। सबसे पहले रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, कामन पोचार्ड, कामन कूट व ग्रे लेग गीज चार प्रजातियों के परिंदों ने आसन वेटलैंड में डेरा डाला था।

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वर्तमान में आसन वेटलैंड में तीस प्रजातियों नार्दन शावलर, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, वूली नेक्टड स्ट्राक, स्पाट बिल्ड डक, कामन कारमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, किंगफिशर, व्हाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन, कामन मोरहेन, इंडियन कारमोरेंट, रेड नेप्ड आइबीज, काम्ब डक, गेडवाल, कामन टील, स्पाट बिल्ड डक, लिटिल इग्रेट, कामन टील, पाइड किंगफिशर, रेड शंक, ग्रीन शंक, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, रुडी शेलडक, ग्रे लेगगूज, कामन कूट, कामन पोचार्ड, ग्रेट कारमोरेंट, रीवर लैपिंग, रेड वेटेल्ड लेपिंग, नाइट हेरोन, नार्दन पिनटेल आदि प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर हैं। चकराता वन प्रभाग द्वारा की गई लोकल गणना में परिंदों की संख्या बढ़कर साढे तीन हजार हो चुकी है, बारिश व बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ने पर परिंदों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चकराता वन प्रभाग के रेंजर आसन राजेंद्र प्रसाद हिंगवाण व वन दारोगा प्रदीप सक्सेना प्रवासी परिंदों की सुरक्षा को रात दिन की गश्त करा रहे हैं, ताकि परिंदों का कोई शिकार न कर सके। 

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