अब फरवरी तक नींद में रहेंगे दून चिड़ियाघर के रेप्टाइल, जानें- कौन-कौन सी प्रजातियां हैं मौजूद
उत्तराखंड में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दून के चिड़ियाघर में भी ठंड का असर दिख रहा है। यहां सर्पबाड़े में मौजूद रेप्टाइल शीतनिद्रा में चले गए ...और पढ़ें

देहरादून, विजय जोशी। Reptiles in Doon Zoo सर्दियों का सीजन शुरू हो चुका है। उत्तराखंड में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दून के चिड़ियाघर में भी ठंड का असर दिख रहा है। यहां सर्पबाड़े में मौजूद रेप्टाइल शीतनिद्रा में चले गए हैं। अब वे फरवरी के बाद ही सक्रिय हो सकेंगे।
दरअसल, कोई भी जैविक हार्मोन 20 से 40 डिग्री सेल्सियस तक ही सही ढंग से काम करता है। इसलिए सभी स्तनधारियों का तापमान हमेशा निश्चित रहता है, जिससे उपापचय क्रिया ढंग से काम करे, लेकिन उभयचर और सरीसृप यानि रेप्टाइल में ऐसा नहीं होता। इसलिए ये अधिक गर्मी और अधिक सर्दी को सहन नहीं कर पाते। यही वजह है कि रेप्टाइल सर्दियों में हाइबरनेशन में चले जाते हैं।
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इस दौरान वे अपनी उपापचय क्रियाएं लगभग बंद कर देते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा खर्च नहीं होती और उन्हें भोजन की जरूरत नहीं पड़ती। वे एक ही स्थान पर करीब तीन माह तक पड़े रहते हैं। देहरादून चिड़याघर के सभी प्रकार के रेप्टाइल अब हाइबरनेट हो चुके हैं। उन्हें अगले कुछ समय तक निष्क्रिय ही पाया जाएगा। हालांकि, इससे पर्यटक जरूर थोड़ा मायूस रहेंगे। देहरादून जू में बनाए गए स्नेक हाउस में सांप की 10 प्रजाति शामिल की गई हैं, जबकि एक लिजर्ड श्रेणी का जीव इगुआना है।
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सभी सांप चेन्नई स्नेक पार्क और पिलीकुला बायलॉजिकल पार्क मैंगलोर कर्नाटक से लाए गए हैं। स्नेक हाउस में कुल 12 बाड़े हैं, जिनमें सरीसृप की 11 प्रजातियों को रखा गया है। बाड़े में 10 में से चार सांप ही जहरीले हैं। किंग कोबरा, कोबरा, रसल वाइपर बेहद जहरीले हैं, जबकि ट्री स्नेक मध्यम जहरीली प्रजाति का सांप है। इसके अलावा इगुआना लिजर्ड फैमिली का है। ये सभी रेप्टाइल हैं और सभी हाइबरनेट होते हैं। इन्हें कोल्ड ब्लडेड जीव कहा जाता है। इसी क्रम में मगरमच्छ और घड़ियाल भी सर्दियों में सक्रियता बेहद कम कर देते हैं।
स्नेक हाउस पर एक नजर
-बर्मीज पाइथन
-रसल वाइपर
-किंग कोबरा
-कोबरा
-सैंड बोआ
-रेटिकुलेटेड पाइथन
-रॉक पाइथन
-ट्री स्नेक
-रैट स्नेक
-बॉल पाइथन
-इगुआना

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