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गर्मी शुरू होते ही दून में गहराने लगा पेयजल संकट

दून में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट बढ़ने लगा है। करीब 80 इलाके ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जहां लोगों को मानक से बेहद कम पानी मिल रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 09:53 AM (IST)
गर्मी शुरू होते ही दून में गहराने लगा पेयजल संकट
गर्मी शुरू होते ही दून में गहराने लगा पेयजल संकट

देहरादून, [जेएनएन]: गर्मी शुरू होते ही दून में पेयजल संकट बढ़ने लगा है। करीब 80 इलाके ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जहां लोगों को मानक से बेहद कम पानी मिल रहा है। दून के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग 50 लीटर, तो शहरी क्षेत्रों में 100 लीटर पानी पर गुजारा करने को विवश हैं। पेयजल किल्लत में पित्थूवाला और रायपुर जोन के अधिक इलाके शामिल हैं।

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दून में पेयजल आपूर्ति के लिए 279 ट्यूबवेल के अलावा तीन नदी/झरने स्रोत भी हैं। हालांकि, अधिकांश पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल से ही की जाती है। गर्मी बढ़ते ही जैसे ही भूजल स्तर नीचे जाता है, ट्यूबवेल की क्षमता भी घटने लगती है। इसके अलावा अन्य स्रोतों में भी पानी का प्रवाह घट जाता है।

इसके बाद भी दून को पर्याप्त पेयजल दिया जा सकता है, मगर लीकेज अधिक होने से दून के तमाम इलाकों में संकट बढ़ने लगता है। जल संस्थान के ही रिकॉर्ड पर गौर करें तो वर्तमान में करीब 80 क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। शहरी क्षेत्र के दक्षिण व उत्तर जोन में फिर भी जैसे-तैसे काम चल जाता है, मगर अधिकतर बाहरी इलाकों वाले पित्थूवाला व रायपुर जोन के हालात विकट हो जाते हैं। 

ऐसे में शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर (लीकेज जोड़कर यह आपूर्ति 155 लीटर होनी चाहिए) पानी उपलब्ध कराना तो दूर लोगों को 100 लीटर पानी भी बमुश्किल मिल पाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी 70 लीटर (लीकेज को जोड़कर यह आपूर्ति 80.5 लीटर होनी चाहिए) के मानक की जगह 50 लीटर के करीब ही पानी नसीब हो पाता है।

पेयजल किल्लत वाले इलाके

  • पित्थूवाला जोन: ठाकुरपुर, स्मिथनगर, गोल मार्केट, चंद्रबनी, सोसाइटी एरिया (क्लेमेनटाउन), सत्तोंवाली घाटी, न्यू पटेलनगर, ब्रह्मपुर, चमनपुरी, नौका, इंदिरापुरी फार्म, दूधा देवी आदि।
  • रायपुर जोन: देवाशीष कॉलोनी, देवपुरम, गुलाब बस्ती, आदर्श कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, सारथी विहार, देवांचल विहार, चकशाह नगर, शिवलोक कॉलोनी, शिव नगर, रांझावाला, नकरौंदा आदि।
  • उत्तर जोन: चिड़ोवाली, अमन विहार, गंगोत्री विहार, जागृतिविहार, ब्राह्मणवाला अपर, ब्राह्मणवाला लोअर, राजीव नगर कंडोली, डांडा नूरीवाला, टीचर्स कॉलोनी, जोहड़ी गांव, अनारवाला, जाखन आदि। 
  • दक्षिण जोन: डालनवाला, मोहिनी रोड, इंदर रोड, चंदर रोड, ईसी रोड, हरिद्वार रोड, झंडे जी क्षेत्र, गांधी ग्राम, खुड़बुड़ा, धामावाला, तिलक रोड, मच्छी बाजार आदि।

09 टैंकरों के भरोसे चल रही व्यवस्था

देहरादून के चारों जोन की व्यवस्था महज नौ टैंकरों पर चल रही है। इसमें दक्षिण जोन के पास अपना एक भी टैंकर नहीं है। जबकि उत्तर जोन के पास दो, पित्थूवाला के पास एक व रायपुर जोन ने पहले से छह टैंकर हायर कर रखे हैं। इसके अलावा गर्मियों में पेयजल किल्लत से निपटने के लिए जल संस्थान पूरी तरह से निजी टैंकरों पर निर्भर रहता है। इसके चलते निजी टैंकर संचालक चांदी काटते हैं और लोगों से मनमाना शुल्क भी वसूल करते हैं। हालांकि, जल संस्थान के अधिकारी हर बार दावा करते हैं कि लीकेज कम करने व टैंकरों से पेयजल आपूर्ति सुचारू की जाएगी, लेकिन पेयजल किल्लत के आगे सभी इंतजाम बौने साबित हो जाते हैं।

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